मूर्ख जैक

किसी अमीर आदमी के तीन बेटे थे ।

उसके दो बेटे बहुत समझदार थे ।

बड़े बेटे को सारा शब्दकोश याद था ।

दूसरा बेटा सारे कानून जानता था ।

लेकिन दोनों बेटे गंभीर प्रकृति के थे ।

उनके साथ बात करने वाला व्यक्ति जल्द ही ऊब जाता था ।

अमीर आदमी का तीसरा बेटा जैक एकदम मूर्ख था ।

सभी लोग उसे ' मूर्ख जैक ' के नाम से जानते थे ।

एक बार वहां के राजा ने प्रतियोगिता रखी , जिसमें उसे अपनी बेटी के लिए वर खोजना था ।

उसने कहा कि राजकुमारी की शादी उसी युवक से होगी , जो उससे अच्छी तरह बात कर सकेगा ।

दोनों बड़े भाई पिता से मिले सुंदर घोड़ों पर सवार होकर चल दिए ।

वे नहीं चाहते थे कि मूर्ख जैक भी उनके साथ जाए , इसलिए जैक को घोड़ा नहीं दिया गया था ।

मगर वह अपने बकरे पर सवार होकर उनके साथ चल दिया ।

राजकुमारी को उपहार देने के लिए जैक ने रास्ते में पड़ा एक मरा कौआ उठा लिया ।

फिर उसने लकड़ी का एक जूता उठा लिया और अपनी जेबों में मिट्टी भर ली ।

जब जैक के भाइयों ने यह सब देखा , तो उन्हें बहुत गुस्सा आया ।

वे उसका साथ छोड़कर आगे चल दिए ।

उधर बहुत से लोग राजा के महल के सामने खड़े थे ।

वे अपनी किस्मत आजमाने आए थे ।

जो भी व्यक्ति राजकुमारी को देखता था , वह उसकी सुंदरता पर मोहित हो जाता था ।

जब सबसे बड़े भाई की बारी आई , तो वह बोलना ही भूल गया ।

दूसरे भाई का भी वही हाल हुआ और उसे भी महल से बाहर निकाल दिया गया ।

वे अपना - सा मुंह लेकर घर वापस लौट गए । इसके बाद मूर्ख जैक की बारी आई ।

वह तो बड़ी शान से अपने बकरे पर सवार होकर आया था ।

महल के लोगों ने किसी भी व्यक्ति को बकरे की सवारी करते कभी नहीं देखा था ।

सभी लोग उसे देखकर हंसने लगे ।

मूर्ख जैक को देखकर राजकुमारी भी हंसने लगी ।

जैक को उसकी सुंदरता से कोई खास लगाव नहीं था । मूर्ख जैक ने राजकुमारी से पूछा , " महल में इतनी गर्मी क्यों लग रही है ? " राजकुमारी बोली , " रसोईघर में बहुत आग जल रही है । उसमें महाराज के लिए मुर्गे भूने जाएंगे । "

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' क्या वे लोग मेरे लिए यह कौआ भून देंगे ? " जैक ने पूछा । "

अरे हां , क्यों नहीं । लेकिन क्या तुम्हारे पास कोई बर्तन है , जिसमें भुने कौए को रखा जा सके ?

" राजकुमारी ने उसकी बात में रस लेते हुए पूछा ।

भला जैक कहां पीछे हटने वाला था । उसने तुरंत लकड़ी का जूता निकाल लिया , जिसे वह अपनी एक जेब में रखे था ।

राजकुमारी हंसकर बोली , “ हां , यह ठीक रहेगा , लेकिन हम तरी के लिए उसमें क्या डालेंगे ? "

जैक ने दूसरी जेब से मिट्टी निकालकर दिखाई और बोला , " मैं तो पूरे इंतजाम के साथ यहां आया हूं । "

जैक से बातें करके राजकुमारी खुश हो गई और बोली , " वैसे तो तुम्हें देखकर ही साफ पता चलता है कि तुम्हारे पास धेले की भी अक्ल नहीं है ।

लेकिन तुम हाजिर - जवाब हो ।

मेरी हर बात का जवाब तुम्हारे पास है ।

अगर हमारा विवाह हुआ , तो बाकी बातें मैं संभाल लूंगी ।

तुम अपनी बातों से मेरा मन बहलाए रखना ।

" इतना कहकर राजकुमारी ने राजा को बुला लिया ।

राजा ने ऐलान कर दिया , " जैक ही मेरी बेटी का पति होगा ।

" यह सुनकर पूरे राज्य में खुशी मनाई जाने लगी ।

जैक के भाइयों और पिता को यह सुनकर हैरानी हो रही थी कि ऐसा कैसे हो सकता था ।

लेकिन ऐसा ही हुआ और आने वाले समय में मूर्ख जैक ही उस राज्य

का राजा बना ।