बहुत साल पहले, सूरज और पानी बहुत अच्छे दोस्त थे, और दोनों धरती पर एकसाथ रहते थे। सूरज अक्सर पानी से मिलने आया करता था, लेकिन पानी सूरज से मिलने कभी नहीं जाता था।
एक दिन, आखिरकार सूरज ने पानी से पूछ ही लिया कि वह उससे मिलने क्यों नहीं आता है। पानी ने कहा कि सूरज का घर उतना बड़ा नहीं है, और अगर पानी अपने सभी लोगों के साथ उससे मिलने आया तो सूरज को अपने ही घर से निकलना पड़ेगा।
इसके बाद पानी ने कहा कि, ‘अगर तुम चाहते हो कि मैं तुमसे मिलने आऊं तो तुम्हें बड़ा घर बनाना पड़ेगा। लेकिन याद रखना, तुम्हारा घर सचमुच बहुत बड़ा होना चाहिए, क्योंकि मेरे बहुत सारे रिश्तेदार और दोस्त हैं और हमें ढेर सारी जगह चाहिए।‘
सूरज ने एक बड़ा सा घर बनाने का वादा किया, और उसके बाद अपनी पत्नी, चंदा के पास वापस आ गया। चंदा ने मुस्कुराते हुए उसका स्वागत किया।
सूरज ने पानी से किए गए अपने वादे के बारे में चंदा को बताया, और अगले दिन से ही उन दोनों ने पानी और उसके परिवार और उसके दोस्तों की आवाभगत के लिए एक बड़ा सा घर बनाना शुरु कर दिया। जब उन्होंने घर बना लिया, तो सूरज ने पानी को अपने घर आने के लिए कहा।
जब पानी आया, तो उसने सूरज को आवाज़ दी और उससे पूछा कि क्या मेरे परिवार और दोस्तों के लिए अंदर आना सुरक्षित है? तो सूरज ने कहा, ‘हाँ, तुम सब लोग अंदर आ सकते हो।‘
पानी ने बहते हुए अंदर आना शुरू किया,
पीछे-पीछे मछलियाँ और ढेर सारे पानी के जानवर भी अंदर आने लगे।
बहुत जल्दी, घर में पानी घुटने तक गहरा हो गया,
तो पानी ने सूरज से दोबारा पूछा, कि क्या अंदर आना अभी भीसुरक्षित है?
तो सूरज ने फिर से कहा, ‘हाँ, मेरे घर में आ जाओ।‘ तो पानी और उसका परिवार अंदर आता रहा।
धीरे-धीरे जब पानी आदमी के सिर तक पहुँच गया, तो पानी ने सूरज से कहा,
‘क्या तुम अभी भी चाहते हो कि मेरे लोग तुम्हारे घर में आएं?’
सूरज को कुछ समझ नहीं आया, सूरज और चंदा दोनों ने कहा,
‘हाँ, जितने ज़्यादा लोग होंगे, उतना मज़ा आएगा।‘
तो पानी के और ज़्यादा लोग अंदर आने लगे, इतने ज़्यादा कि सूरज
और चंदा को छत के ऊपर जा कर बैठना पड़ा।
जब पानी छत के ऊपर से बहने लगा, तो सूरज और चंदा को आसमान में
जाने के लिए मजबूर होना पड़ा...
... तब से लेकर अब तक, वो दोनों वहीं रहते हैं।