सादा पेड

Child Story In Hindi - Bal Kahani

दो दोस्त, रवि और राजीव स्कूल से घर जा रहे थे।

धूप बहुत तेज्ञ थी और गर्मी के दिन थे।

दोनों को भूख भी लगी थी और प्यास भी।

उन्होंने देखा कि सड़क के किनारे एक मैदान था।

उस मैदान में एक बड़ा और घना पेड लगा हुआ था।

वे दोनों जाकर उसकी छाया में बेठ गए।

उन्होंने अपना-अपना बस्ता उतारकर नीचे रखा।

आज उनकी परीक्षा थी।

स्कूल में अपना लंच खाने का समय भी उन्हें नहीं मिल पाया था।

दोनों ने अपना लंच-बॉक्स ।

निकाला और खाना खाने लगे।

तभी रवि ने ऊपर की ओर देखकर पूछा, 'राजीव यह कौन सा ।

पेड़ है ?

इस पर कौनसे फल लगते हैं ?'

राजीव ने उत्तर दिया, यह एक सादा पेड़ है।

इस पर कोई भी फल नहीं उगते।'

तब रवि मुँह बनाकर बोला, “अच्छा ?

यह सादा पेड है ?

कोई फल ही नहीं उगते इस पर ?

यानी ये एक बेकार पेड है।

ये बडी-बडी पत्तियाँ और ये मजबूत तना किस काम के ?'

राजीव को यह बात सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ।

वह बोला, 'यह तुम क्या कह रहे हो रवि ?

यह पेड़ किसी काम का नहीं है ?

और तुम जो इस समय धूप से बचकर यहाँ बैठे हो, उसका क्‍या ?

यह ठंडी छाया तुम्हें कौन दे रहा है ?

कोई भी चीज़ बेकार नहीं होती मेरे दोस्त।

हर चीज़ का कोई-न-कोई उपयोग ज़रूर होता है।

समझे ?'

रवि तो यह बात समझ गया।

पर क्‍या तुम समझे ?