सनी और तनु

Child Story In Hindi - Bal Kahani

सनी सात वर्ष का एक छोटा लड़का था।

उसकी परीक्षाएँ आनेवाली थीं।

इसीलिए मम्मी दिनभर कहती रहती थीं-'सनी बेटा, थोड़ा पढ़ लो।

' सनी को भूगोल पढ़ना ज़्यादा अच्छा नहीं लगता था।

किसी देश में कितने राज्य हैं, कितने शहर हैं और कितने लोग रहते हें यह जानकर उसे क्या फायदा होनेवाला है, उसे कभी यह बात समझ में नहीं आती थी।

लेकिन कया करता बेचारा। परीक्षा देने के लिए पढ़ना तो पड़ेगा ही न!

इसलिए एक दोपहर को वह भूगोल की किताब लेकर पढ़ने बैठा। उसी दिन मम्मी भी किसी काम से बाहर गईं।

उसकी छोटी बहन तनु घर पर ही थी।

मम्मी जाते समय कहकर गईं-'सनी बेटा, तनु का ध्यान रखना ज़रा। मैं अभी आती हूँ।'

सनी बेचारा बुरा फँसा। एक तरफ भूगोल की किताब और दूसरी तरफ तनु।

वह खूब ध्यान लगाकर पढ़ने की कोशिश कर रहा था।

लेकिन वह दो-चार लाइनें ही पढ़ पाया था कि तनु आ गई। वह बोली, ' भैया, मेरी डॉल के लिए घर बनाओ न!'

बेचारा सनी, उसने तनु को तकियों का घर बनाकर दिया।

फिर पाँच मिनट बाद वह आ गई और कहने लगी, ' भैया, हाउस टूट गया, ठीक कर दो न।' सनी ने उसका घर ठीक किया।

वह फिर से पढ़ने बैठा, पूरा पाठ दोबारा से।

तभी तनु आई और उससे बोली, ' भैया, मेरे साथ खेलो न!” अब तो सनी को गुस्सा आ गया।

उसने किताब बंद कर दी ओर तनु के साथ खेलने लगा।

सनी के दोस्त सृजन ने उसे एक बार बताया था कि रात को तकिए के नीचे किताब रखकर सोने से पाठ याद हो जाता है।

सनी ने सोचा कि इस तरकीब को आज़माया जाए।

क्‍या पता काम कर ही जाए।

तो उस रात वह तकिए के नीचे भूगोल की किताब रखकर सो गया।

जैसे ही उसे नींद आई, उसे ऐसा लगने लगा जैसे कि वह किसी घोड़े पर सवार है।

उसने देखा वह सचमुच एक घोडे पर बैठा हुआ था।

यह कोई मामूली घोड़ा नहीं था, बल्कि उड़नेवाला घोड़ा था।

एक सैनिक उसे चला रहा था।

यह सैनिक ठीक वैसे ही कपडे पहने हुए था जैसा कि उसकी किताबों के अनुसार राजा के सिपाही पहना करते थे।

सैनिक उसे समझाने लगा-'हम आज अपने भारत देश के सभी राज्यों की सैर करेंगे।

मैं उसके शहरों, वहाँ के लोगों की वेशभूषा, खान-पान, सबके बारे में तुम्हें बताऊँगा।

यह सैर बड़ी ही मज़ेदार होगी। तुम हमेशा उसे याद रखोगे, कभी भी भूलोगे नहीं।'

और उस रात सनी ने सैनिक के साथ पूरे देश की सैर की।

सुबह जब वह सोकर उठा तो उसने झट से अपनी किताब तकिये के नीचे से निकाली।

उसने किताब का पहला पन्‍ना खोला और पढ़ना शुरू किया।

उसे लगा जैसे वह यह जानता 'है।

उसने आगे के पन्ने देखे, फिर और आगे के पन्ने देखे।

आखिरी पन्‍ने की आखिरी लाइन तक सब कुछ उसे याद था।

'वाह!' वह खुशी से चिल्लाया, 'तरकीब काम कर गई ......।'