कोल्डड़िंक का तालाब

Child Story In Hindi - Bal Kahani

एक बहादुर योद्धा था।

उसका नाम था-शांतनु।

एक दिन वह जंगल के रास्ते कहीं जा रहा था।

उसने देखा कि सुनसान जंगल में एक मकान था।

उसे लगा कि उस मकान से किसी लड़की के रोने की आवाज़ आ रही है।

उसने अंदर झाँककर देखा।

अंदर एक सुंदर राजकुमारी एक कोने में बैठकर रो रही थी।

शांतनु ने राजकुमारी को चुपके से वहाँ से निकालने में मदद की।

राजकुमारी ने उसे बताया कि एक दुष्ट जादूगर ने उसे वहाँ बंद कर दिया था।

शांतनु ने राजकुमारी को घोड़े पर बैठाया और वहाँ से भागने लगा।

अभी वे थोड़ी ही दूर गए थे, तभी जादूगर ने उन्हें देख दिया।

जादूगर उनके पीछे-पीछे तेज़ी से आया।

राजकुमारी जादूगर की कैद में रहकर थोड़ा जादू सीख गई थी।

जैसे ही उसने देखा कि जादूगर उनके पीछे आ रहा है, उसने अपना जादू इस्तेमाल किया।

वह खुद एक घड़ा बन गईं, उसने घोड़े को एक कुआँ बना दिया और शांतनु को एक बूढ़े व्यक्ति में बदल दिया।

जादूगर राजकुमारी को ढूँढता हुआ वहाँ आया।

उसने बूढ़े व्यक्ति से पूछा, 'क्या तुमने एक युवक और एक राजकुमारी को यहाँ से जाते हुए देखा है ?'

बूढ़े व्यक्ति यानी शांतनु ने जादूगर को गलत दिशा में भेज दिया।

जादूगर थोड़ी दूर गया तो उसे लगा कि उसको बेवकूफ बनाया गया है।

वह तुरंत उस बूढ़े व्यक्ति की ओर वापिस आया।

इस बार राजकुमारी ने अपने आपको एक मंदिर में बदल लिया।

उसने घोड़े को दीपक बना दिया और शांतनु को पुजारी।

जादूगर एक बार

फिर धोखा खा गया और आगे चला गया।

थोड़ी दूर जाने के बाद उसे ध्यान आया कि पहले तो वहाँ कोई मंदिर नहीं था।

फिर अचानक मंदिर वहाँ कैसे आ गया ?

वह तुरंत वापिस घूमा। लेकिन मंदिर पुजारी और दीपक वहाँ से गायब हो चुके थे।

वह उन तीनों को ढूँढ़ने के लिए भागा।

इस बार राजकुमारी एक बत्तख् बन गई।

उसने शांतनु को पौधा बना दिया।

जादूगर जब वहाँ पहुँचा तो उसने देखा कि वहाँ चाकलेट के बड़े-बड़े टीले भी थे और कोल्डड़िंक का एक तालाब भी था।

जादूगर पीछा करते-करते थक गया था।

उसे ज़ोर से प्यास लगी थी और भूख भी।

उसने चाकलेट्स और कोल्डड्ंक देखी तो अपने-आपको रोक नहीं पाया।

जादूगर ने ढेर सारी चॉकलेट्स खा लीं और खूब कोल्डड़िंक पी ली।

पता है फिर क्‍या हुआ, जादूगर को पेट दर्द होने लगा।

उसके दाँतों में कीड़े लग गए।

एक-एक करके उसके दाँत गिरने लगे। उसका पेट फूलकर बहुत बड़ा हो गया।

वह तो अब हिल भी नहीं पा रहा था।

उसकी सारी जादुई शक्तियाँ चली गईं।

वह बेहोश हो गया।

जब उसे होश आया तो न वहाँ तालाब था, न बत्तख़ थी और न ही पौधा।

जादूगर कभी भी राजकुमारी और शांतनु को ढूँढ नहीं पाया।