सूरत पर मत जाओ

Child Story In Hindi - Bal Kahani

एक छोटा-सा चूहा अपने बिल में से पहली बार बाहर आया था।

अभी तक उसने बाहर की दुनिया देखी ही नहीं थी।

उसकी माँ उसे बताती थी कि बाहर अच्छे-बुरे, सब तरह के जानवर रहते हैं।

उसने छोटू चूहे को बताया था।

बिल्लियाँ कितनी ख़तरनाक होती हैं।

वह खुले मैदान में घूमने लगा।

उसे हरे-हरे पेड़, नीला आकाश छोटी-छोटी चिडियाँ, सब बहुत अच्छे लग रहे थे।

तभी उसने एक बडे से जानवर को देखा।

यह जानवर बड़ा ही भयानक था।

उसके बडे-बडे, पीले और भूरे रंग के पंख थे।

एक नुकीली चोंच थी और लाल रंग की कलगी थी।

उसके पंजे भी नुकौले थे। यह एक मुर्गा था, जो वहाँ रहता था।

चूहा घबराकर छिप गया।

“कितना भयानक जीव है!” उसने सोचा, 'ज़रूर यह बिल्ली होगी।'

तभी अचानक एक बिल्ली वहाँ आई।

उसके नर्म-नर्म बाल थे, सुंदर आँखें थीं और मुलायम-सी पूँछ थी।

बिल्ली की पूँछ चूहे को छते हुए गई। चूहे को बहुत अच्छा लगा।

वह अपने घर लौट गया।

उसने अपनी माँ को बताया कि उसने क्या-क्या देखा।

'वह मुलायम-से बालों वाला जानवर बहुत प्यारा था माँ।' वह बोला।

तब उसकी माँ ने उससे कहा, ' अरे बुद्धू, वह भयानक जीव एक मुर्गा था, जो तुमसे कुछ नहीं कहता ?

और वह मुलायम बालोंवाली एक बिल्ली थी-हमारी दुश्मन।

छोटू बेटा, कभी भी बाहरी सूरत पर मत जाना।

बाहर से जो कुछ दिखता है वह हमेशा सच नहीं होता।'

चूहा सोच रहा था, 'हे भगवान, अच्छा हुआ कि बिल्ली ने मुझे नहीं देखा।

नहीं तो मेरा क्या होता !