गुमसुम चिडिया

Child Story In Hindi - Bal Kahani

एक गरीब किसान जंगल से गुज़्र रहा था।

तभी उसने किसी बच्चे के रोने की आवाज्ञ सुनी।

उसने देखा कि कुछ दूरी पर एक नन्‍्हीं-सी बच्ची एक पेड के नीचे लेटी हुई थी।

वह तो बस रोती जा रही थी।

किसान ने उसके माता-पिता को आस-पास बहुत ढूँढ़ा लेकिन; उसे वहाँ दूर-दूर तक कोई नज़र नहीं आया।

रात होने वाली थी।

वह बच्ची को वहाँ नहीं छोड़ सकता था।

इसीलिए उसने सोचा कि जब बच्ची के माता-पिता उसे ढूँढ़ते हुए उसके पास आएँगे तो वह बच्ची उन्हें दे -देगा।

वह छोटी बच्ची को घर ले आया।

उसने कई दिन, कई सप्ताह, कई महीनों तक इंतज़ार किया।

लेकिन कोई नहीं आया।

तब उसने बच्ची को अपनी बेटी की तरह बड़ा- करने का निश्चय किया।

बच्ची को वह प्यार से 'कुहू' कहकर बुलाता था।

कुहू जब बड़ी हुई तो किसान को पता चला कि वह बोल नहीं सकती थी।

बोलने की शक्ति उसे ईश्वर ने दी ही नहीं थी।

किसान को जा बहुत दुःख हुआ।

लेकिन उसे विश्वास था कि उसकी बेटी एक दिन ज़रूर बोलने लगेगी।

आसपास के लोग भी कुहू को बहुत प्यार करते थे और प्यार से उसे 'गुमसुम चिडिया' कहकर बुलाते थे।

उनके राज्य का राजकुमार एक दिन अचानक बहुत बीमार हो गया।

तब एक परी ने राजा से कहा।

'राजकुमार यदि गुमसुम चिड़िया को एक बार छू ले तो तुरंत ठीक हो जाएगा।

' इतना कहकर परी चली गई।

“गुमसुम चिड़िया ? यह कौन-सी चिडिया होती है ?' राजा ने सोचा।

उन्होंने राज्य भर में घोषणा कराई कि जिस किसी के पास गुमसुम चिड़िया हो, वह तुरंत चिडिया को लेकर राजमहल में आ जाए।

किसान ने भी यह सूचना सुनी। वह अपनी बेटी “कुहू' को लेकर राजा के दरबार में पहुँच गया।

जब राजा ने उसके साथ चिड़िया की जगह एक गूँगी लड॒की को देखा तो बहुत नाराज़ हुए।

उन्होंने किसान और 'कुहू' को जेल में डाल दिया।

शाम को एक मीठा गीत पूरे रांजमहल में गूँजने लगा-

गुमसुम-गुमसुम चिड़िया प्यारी,

तुम कोई राजकुमारी हो।

तुम दूर गगन में उड़ती हो, जे

तुम हमको कितनी प्यारी हो

आवाज़ नहीं पाई तुमने,

पर रहती हो दिनरात मस्त

जो राजकुँवर छू ले तुमको,

वह हो जाएँगे वे पूर्ण स्वस्थ।

राजा ने गीत सुना तो वे स्वयं यह देखने गए कि कौन लड़की इतनी मीठी आवाज़ में गा रही है।

उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि यह गीत तो जेल में बैठकर कुहू गा रही थी।

किसान भी आश्चर्यवकित होकर उसे देख रहा था।

तब राजा को ध्यान आया कि परी ने उससे जो कुछ कहा था, कुहू वही इस गीत में गा रही थी।

के वे कुहू को तुरंत राजकुमार के कक्ष में ले गए।

जैसे ही राजकुमार ने कुहू को छुआ, वह स्वस्थ हो गया।

राजा और किसान दोनों बहुत खुश थे।

राजकुमार और कुहू का विवाह हो गया। वे दोनों सुख से रहने लगे।