नैतिक कहानी (Moral Story) ऐसी कहानियां होती है, जिनमें नैतिकता के साथ-साथ उनके पीछे संदेश हमेशा शक्तिशाली होते हैं। एक नैतिक कहानी आपको यह सिखाता है कि आपको एक बेहतर इंसान कैसे बनना है। नैतिक कहानी आपके नैतिक चरित्र को मजबूत बनाती है। यहां 100 सीख देने वाली कहानियों (Moral Story) का संग्रह है। इसे एक बार जरूर पढ़े।
100 नैतिक कहानियाँ का संग्रह
बंद दुकान में कहीं से घूमता फिरता एक सांप घुस गया। दुकान में रखी एक आरी से टकराकर सांप मामूली सा जख्मी हो गया।
आगे पढ़े यहाँएक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया- मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था मैं राजा बना,
आगे पढ़े यहाँएक बार की बात है, किसी जंगल में एक कौवा रहता था, वो बहुत ही खुश था, क्योंकि उसकी ज्यादा इच्छाएं नहीं थीं।
आगे पढ़े यहाँएक समय की बात है एक गाँव में एक ब्राह्मण रहता था। एक बार किसी परिवर ने उसे अपने यहा ब्राह्मण भोज पर बुलाया और दान में उसे एक बकरा दिया।
आगे पढ़े यहाँमांगो मत, ऊपर वाले को अपने हिसाब से देने दो किसी राज्य में एक राजा रहता था। राजा अक्सर गांव-गांव जाकर प्रजा और लोगों की समस्याओं को सुनता था
आगे पढ़े यहाँये बात महाभारत के समय की है, पांडवों और कौरवों को गुरु द्रोणाचर्य शिक्षा दे रहे थे। एक बार उनके मन में अपने शिष्यों की परीक्षा लेने का विचार आया।
आगे पढ़े यहाँएक गाँव में एक किसान रहता था। वह रोज सुबह-सुबह उठकर दूर झरनें से साफ पानी लेने जाया करता था। इस काम के लिए वह अपने साथ दो बड़े घड़े ले जाया करता था
आगे पढ़े यहाँराजा भद्रसिंह प्रजापालक एवं न्यायप्रिय थे। नैतिक और जीवन मूल्यों के प्रति बहुत जागरूक थे किंतु उनका पुत्र महाउत्पाति, विद्रोही, उदंड एवं निर्दयी था।
आगे पढ़े यहाँएक किसान था, वह अपने खेतों में काम कर घर लौट रहा था। रास्ते में ही एक हलवाई की दुकान थी उस दिन किसान ने कुछ ज्यादा काम कर लिया था
आगे पढ़े यहाँएक लड़का अपने परिवार के साथ रहता था।उसके पिता जौहरी थे। एक दिन उसके पिता बीमार पड़ गए, धीरे-धीरे उनकी हालत बिगड़ती गई और अंत में उनका निधन हो गया।
आगे पढ़े यहाँएक युवती बगीचे में बहुत गुस्से में बैठी थी पास ही एक बुजुर्ग बैठे थे । उन्होने उस परेशान युवती से पूछा :- क्या हुआ बेटी क्यूं इतना परेशान हो ?
आगे पढ़े यहाँएक बार लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक ही अपने पिता से पुछा – “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत होती है?”
आगे पढ़े यहाँपुरुषोत्तमदस टंडन एक उदार राजनेता थे। उनकी धन संग्रह में जरा भी रूचि नहीं थी। उनके हाथ सदैव दान की मुद्रा में रहते थे।
आगे पढ़े यहाँएक बार दो पड़ोसी राज्यों में युद्ध छिड़ गया।बहुत भयानक युद्ध चल रहा था।युद्ध में बहुत सारे सैनिक घायल हो जाते थे।
आगे पढ़े यहाँजो लोग ईमानदार हैं उनके साथ ईमानदार रहिये और जो लोग ईमानदार नहीं हैं उनके साथ भी ईमानदार रहिये.इसी प्रकार ईमानदारी सिद्ध होती है
आगे पढ़े यहाँ