नैतिक कहानी (Moral Story) ऐसी कहानियां होती है, जिनमें नैतिकता के साथ-साथ उनके पीछे संदेश हमेशा शक्तिशाली होते हैं। एक नैतिक कहानी आपको यह सिखाता है कि आपको एक बेहतर इंसान कैसे बनना है। नैतिक कहानी आपके नैतिक चरित्र को मजबूत बनाती है। यहां 100 सीख देने वाली कहानियों (Moral Story) का संग्रह है। इसे एक बार जरूर पढ़े।
100 नैतिक कहानियाँ का संग्रह
स्वप्न में पता चला जीवन जीने का अर्थ एक आदमी अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर रहा था। अचानक एक दिन उसकी पत्नी बीमार हो गई और बहुत इलाज कराने के बाद भी स्वस्थ नहीं हुई।
आगे पढ़े यहाँश्रीहरिपुर के राजा प्रदीप सिंह की असमय मृत्यु के बाद उनके इकलौते पुत्र तेजवीर सिंह को गद्दी पर बैठाया गया। तेजवीर सिंह अपने पिता कौ तरह साहसी थे,
आगे पढ़े यहाँविजयगढ़ के राजा भानुप्रताप सिंह बहुत दयालु और परोपकारी थे। एक वर्ष उनके राज्य के कुछ इलाकों में बारिश नहीं हुई।जिसके कारण कुछ गांवों में अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई।
आगे पढ़े यहाँसंत सोलोमन अत्यंत उदार हृदय थे। उनके पास जो भी दीन-दुखी आता, वे उसकी हर संभव सहायता करते थे।उनकी सहृदयता सभी पर समान रूप से बरसती थी।
आगे पढ़े यहाँमहात्मा गांधी पार्टी के कार्यों के सिलसिले में प्राय: यात्राएं किया करते थे, जो देश की स्वतंत्रता के उद्देश्य को लेकर होती थीं। एक बार गांधी जी ऐसे ही किसी कार्य से इलाहाबाद आए और पंडित मोतीलाल नेहरू के निवास स्थान 'आनंद भवन' में ठहरे।
आगे पढ़े यहाँजर्मनी के महान् वैज्ञानिक थे- नील्स बोर। नील्स अत्यंत प्रतिभाशाली ओर तत्कालीन शासक हिटलर के प्रिय थे।नील्स अपने सटीक शोध-परिणामों के लिए सर्वत्र प्रशंसा पाते थे।
आगे पढ़े यहाँआपसी विवाद को खुद मिल बैठ कर सुलझाएं दो दोस्त थे। मोहन और राम।बचपन की मित्रता युवावस्था तक आते-आते और गहरी हो गई।
आगे पढ़े यहाँजब पॉडेत जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे,तब उन्हीं के प्रयासों से कवि सम्मेलन शुरू हुआ था। उस समय राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जैसे महान् रचनाकार इस सम्मेलन में शिरकत करते थे।
आगे पढ़े यहाँधन के स्थान पर धर्म को चुनकर मिली आत्मिक शांति एक ब्राह्मण के हृदय में यज्ञ करने का विचार आया, किंतु उसके पास इसके लिए पर्याप्त धन नहीं था।
आगे पढ़े यहाँएक बार महर्षि भारद्दाज को कठोर तपस्या का विचार आया।इसके लिए वे एक गुफा में चले गए।तपस्या करते हुए उन्हें अनेक वर्ष हो गए, कितु वे गुफा से बाहर नहीं आए।
आगे पढ़े यहाँमृत्यु के भय से किया कुप्रवृत्तियों का त्याग एक व्यापारी बुरी आदतों का शिकार था।वह चाहता था कि इनसे मुक्ति मिल जाए, किंतु बहुत प्रयास के बावजूद ऐसा नहीं हो पाया।
आगे पढ़े यहाँराम और लक्ष्मण ने पाई व्यावहारिक शिक्षा राजा दशरथ ने अपने चारों पुत्रों- राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न को अध्ययन हेतु महर्षि वशिष्ठ के आश्रम भेजा था।
आगे पढ़े यहाँकर्तव्यनिष्ठा की अनूठी मिसाल पैदा की मिथिला में गंगाधर शास्त्री नामक पंडित एक विद्यालय में अध्यापन का कार्य करते थे। शास्त्री जी अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा से करते थे।
आगे पढ़े यहाँरूढ़िवादिता दूर करने के लिए किया संघर्ष शंकरदेव का जन्म असम के नौगांव जिले में हुआ था।पारिवारिक और सामाजिक दबावों के समक्ष न झुकते हुए खासतौर से उन्होंने संतों
आगे पढ़े यहाँदृढ़ संकल्प के बल पर मूर्ख से हुए बुद्धिमान जर्मनी के जोसेफ बर्नार्ड अपनी बाल्यावस्था से लेकर किशोरावस्था तक अत्यंत बुद्धिहीन रहे।
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