Monkey Ki Kahani

Short Moral Story In Hindi

Moral Kahani - Moral Story

नैतिक कहानियाँ

नैतिक कहानी (Moral Story) ऐसी कहानियां होती है, जिनमें नैतिकता के साथ-साथ उनके पीछे संदेश हमेशा शक्तिशाली होते हैं। एक नैतिक कहानी आपको यह सिखाता है कि आपको एक बेहतर इंसान कैसे बनना है। नैतिक कहानी आपके नैतिक चरित्र को मजबूत बनाती है। यहां 100 सीख देने वाली कहानियों (Moral Story) का संग्रह है। इसे एक बार जरूर पढ़े।

100 नैतिक कहानियाँ का संग्रह

संकल्प से नहीं डिगी अंग्रेज महिला

एनी बेसेंट वर्ष सन्‌ 1893 में मद्रास पहुंची और थियोसॉफी के प्रचार में जुट गई।यहीं उन्हें उपनिषदों के अध्ययन का अवसर मिला और तब उन्होंने जाना कि थियोसॉफी तो उपनिषदों का ही अनुसरण है।

आगे पढ़े यहाँ

आइंस्टीन की मानवीयता

कहा जाता है कि सन्‌ 1945 में न्यू मैक्सिको में हुए परमाणु उर्जा के परीक्षण से पहाड़ ढहने लगे, नदियां सूख गई और पेड-पौधे मुरझा गए। आइंस्टीन ने जब परमाणु शक्ति का यह विनाशकारी नजारा देखा

आगे पढ़े यहाँ

ऋषि ने बताया प्रकृति का महत्त्व

एक बार राजा यदु ने ऋषि दतात्रेय से पूछा- “महाराज! मैं जानना चाहता हूं कि आपने आत्मा में ही परमानंद का अनुभव कंसे प्राप्त किया और कौन से गुरु ने आपको ब्रह्म-विद्या का ज्ञान दिया ?

आगे पढ़े यहाँ

मूर्ख राजा को बुद्धिमान ऋषि की मार

प्राचीनकाल की बात है एक राज्य के राजा की मृत्यु के पश्चात्‌ उसका मूर्ख पुत्र गददी पर बैठा। इस प्रकार उस राज्य पर एक मूर्ख राजा का शासन हो गया।

आगे पढ़े यहाँ

बेटे ने जब पिता को क्षमा नहीं किया

सिंधुराज के राज्य में एक डाकू का बड़ा आतंक था। वह धनी, निर्धन सबको लूटता था। किसी पर दया नहीं करता था।

आगे पढ़े यहाँ

मां के शब्दों नें भरा जोड़ा

रामप्रसाद बिस्मिल को काकोरी मामले में अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। फांसी के दो दिन पूर्व बिस्मिल की मां उनसे अंतिम बार मिलने जेल आई।

आगे पढ़े यहाँ

मन के दीप का महत्त्व

गुरू ने बताया मन के दीप का महत्त्व प्रसंग महाभारत का है।गुरु द्रोण जब गुरुकुल की कक्षा में कौरव पांडव विद्यार्थियों को पढ़ाने पहुंचे, तो अत्यंत प्रसन्‍न थे।

आगे पढ़े यहाँ

दृष्टिहीन साधु ने सबको सही पहचाना

शाही सवारी आ रही थी।लोग कतारबद्ध खडे थे। राजा के प्रति प्रजा में सम्मान था, क्‍योंकि राजा सदा प्रजा के हितों का ख्याल रखता था और साधु, संतों तथा विद्वानों का हमेशा सम्मान करता था।

आगे पढ़े यहाँ

कर्म को दी वरीयता

शास्त्रार्थ से पहले अपने कर्म को दी वरीयता एक संत परम ज्ञानी थे, तर्क-वितर्क में कोई उनसे जीत नहीं सकता था।

आगे पढ़े यहाँ

प्रश्नों का समाधान

मन में पाया सभी प्रश्नों का समाधान संत तिलोपा की ख्याति इस रूप में थी कि उनके पास सभी प्रश्नों के सटीक जवाब होते थे।

आगे पढ़े यहाँ

खोई खुशियां

बड़ा सुख पाने की चाहत में खोई छोटी खुशियां एक सरोवर में एक हंस और एक मछली रहते थे।दोनों के बीच अच्छी मित्रता थी। दोनों घंटों एक दूसरे के साथ समय बिताते।

आगे पढ़े यहाँ

अनुचित को ग्रंथ से हटाया

राबिया महान्‌ भक्त थीं।उनकी अटूट भक्ति से सभी लोग द थे और लोक समाज में वे श्रद्धा का केंद्र थी।

आगे पढ़े यहाँ

गुरू की आज्ञा

गुरू की आज्ञा का पालन कर पाया गुरू पद गुरुनानक देव जी ने अपने पंथ के उत्तराधिकारी के रूप में अपने परिवार के सदस्यों में से किसी का चयन नहीं किया था।

आगे पढ़े यहाँ

क्षमा मांगकर तुलवाया गार्ड ने सामान

शाह अशरु अली अपने समय के विख्यात संत थे। वे नेतिक मूल्यों में बहुत विश्वास रखते थे और शिष्यों से भी इनका सदैव पालन करने को कहते थे।

आगे पढ़े यहाँ

अवसर पाते ही मुखर हो उठी प्रतिभा

एक राज्य की राजधानी में आधी रात को मूसलाधार वर्षा हो रही थी।बिजली कड़क रही थी। सारा नगर सो रहा था, किंतु राजमहल का द्वारपाल मातृगुप्त पहरा देते हुए

आगे पढ़े यहाँ