नैतिक कहानी (Moral Story) ऐसी कहानियां होती है, जिनमें नैतिकता के साथ-साथ उनके पीछे संदेश हमेशा शक्तिशाली होते हैं। एक नैतिक कहानी आपको यह सिखाता है कि आपको एक बेहतर इंसान कैसे बनना है। नैतिक कहानी आपके नैतिक चरित्र को मजबूत बनाती है। यहां 100 सीख देने वाली कहानियों (Moral Story) का संग्रह है। इसे एक बार जरूर पढ़े।
100 नैतिक कहानियाँ का संग्रह
बनारस में एक पंडित जी का विशाल आश्रम था, जहां वे अपने शिष्यों को शिक्षा देते थे।उनके आश्रम के सामने एक बढ़ई बैठता था।
आगे पढ़े यहाँपिता ने अपने ही पुत्र के खिलाफ फैसला सुनाया केशिनी नाम की एक अत्यंत सुंदर कन्या को लेकर दैत्यराज प्रहलाद के पुत्र विरोचन और महर्षि अंगिरा के पुत्र सुधन्वा में परस्पर विवाद छिड़ गया।
आगे पढ़े यहाँसंत ने सिखाए दान के असली मायने एक दानवीर राजा था।राजा की दानशीलता की ख्याति सुनकर एक संत उसके राज्य में आए।
आगे पढ़े यहाँआत्मप्रशंसा करने का नतीजा भुगतना पड़ा दीर्घकाल तक राज करने के बाद महाराज ययाति ने अपने पुत्र को सिंहासन सौंप दिया और स्वयं बन में जाकर तप क़रने लगे।
आगे पढ़े यहाँसच्ची साधुता से साधु बना राजपुरोहित एक राजा को अपने राज्य के धार्मिक कार्यो हेतु एक राजपुरोहित की आवश्यकता थी।
आगे पढ़े यहाँमनगढ़ंत अनुमान लगाने वाले बने उपहास के पात्र मोहन और नीतिन दो मित्र थे।दोनों बिना सोचे-विचारे किसी भी व्यक्ति अथवा परिस्थिति के विषय में अनुमान लगा
आगे पढ़े यहाँनारद मुनि ने किया ज्ञान का लोक विस्तार नारद जी कलियुग का क्रम देखते हुए एक बार वृन्दावन पहुंचे।उन्होंने एक स्थान पर देखा कि एक युवती के पास दो
1119दूसरों के कहे पर भरोसा करके गंवाई बकरी एक पंडित जी यजमानी कर दूसरे गांव से अपने घर लौट रहे थे।वे बहुत प्रसन्न थे, क्योंकि दक्षिणा में उन्हें एक बकरी मिली थी।
आगे पढ़े यहाँगृहस्थिन ने समझाए संन्यासी को साधना के मायने एक युवक अपनी विधवा मां को अकेली छोडकर भाग निकला और एक मठ में जाकर तंत्र-साधना करने लगा।
आगे पढ़े यहाँअपमान सहकर भी दिया संयम का परिचय एक बार गौतम बुद्ध भ्रमण करते हुए किसी गांव में पहुंचे। इस गांव का प्रधान साधु-संतों, भिश्षुओं को पसन्द नहीं करता था।
आगे पढ़े यहाँयुद्र विजयी से महान् है आत्मविजयी राजा नमि राजर्षि हो गए थे। उनकी इच्छा थी कि राजपाट छोड़कर योग-साधना में लीन हो जाएं।
आगे पढ़े यहाँयूक्लिड गणित के परम ज्ञाता थे।अपने इस ज्ञान को वे दूसरों को भी सहर्ष देने के लिए तैयार रहते थे।
आगे पढ़े यहाँआज से तीन सदी पूर्व उपाध्याय यशोविजय के नाम से एक विख्यात पंडित हुए, जो अनेक विषयों के ज्ञाता और अत्यंत मेधावी थे।
आगे पढ़े यहाँयह एक जातक कथा है। एक देश के राजा को शिकार खेलने का बहुत शौक था। वह प्रतिदिन शिकार खेलने जंगल जाता था। रोज वह किसी न किसी जंगली जानवर का शिकार करता।
आगे पढ़े यहाँकिसान ने सीखा समय पर काम करने का महत्त्व एक किसान को अक्सर अपने काम के सिलसिले में शहर जाना पड़ता था।
आगे पढ़े यहाँ