सेहत को ठीक रखने के लिए पैसे की जरूरत होती है ।
पैसे के साथ-साथ और बहुत सी चीजों की भी जरूरत होती है ।
जिसमें पैसे की जरूरत नहीं होती । पैसा मात्र साधन है, लक्ष्य नहीं है ।
आप चाहें तो अपना खर्च सीमित कर सकते हैं । सीमित खर्चा तो सेहत के लिए टॉनिक है ।
आमदनी सौ रुपया और खर्चा साठ सत्तर का हो तो अपने नींद आ जाती है ।
खर्चा बढ़ जाता है तो उसे घटाना आसान नहीं होता ।
दुनिया के पास क्या-क्या है, इसको देखने की जरूरत नहीं ।
मेरे पास क्या है उसको ही देखना चाहिए । हर वक्त पैसे की माला फेरना ज्यादा ठीक नहीं है ।
जब काम पर जाओ तो काम का ध्यान रखो ।
जब काम से छुट्टी हो तो सांसारिक बातों से हटकर ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करो । यह सेहत का खजाना है ।