हमने पाँच ज्ञाननेंद्रियों के साथ जन्म लिया है। हमारे पास छू, चख, देख, सूंघ और सुनकर महसूस करने की क्षमता है, पर सफल लोगों के पास एक छठी इंद्री भी होती है, जिसे व्यावहारिक समझ कहते हैं।
चीजों को उनके वास्तविक रूप में देखने और उनसे संबंधित कार्यवाही को सही ढंग से करने की क्षमता ही व्यावहारिक समझ है।
यदि आदमी में व्यावहारिक समझ न हो तो शिक्षा और ज्ञान व्यर्थ चले जाते हैं। शिक्षा के बिना भी व्यावहारिक बुद्धि हासिल की जा सकती है लेकिन व्यावहारिक बुद्धि के बिना अच्छी-से-अच्छी शिक्षा भी किसी काम की नहीं।
भरपूर व्यावहारिक बुद्धि का होना ही बुद्धिमत्ता कहलाता है।