हमे आजकल बहुत कुछ शिखाया जाता है और हमारे सीखने वाली सूची में बहुत सारे टॉपिक्स लिखे रहते है, लेकिन सबसे ऊपर जो रहना चाहिए वो मिसिंग रहता है। और वो मिसिंग वाली टॉपिक्स है की "खुद से प्यार करे" , "खुद से प्यार कैसे करे ?" "खुद से प्यार क्यों करे ?" और आज नीचे हम इसी टॉपिक्स पे कुछ लिखे है।
हर किसी ने बचपन से बस यहीं सीखा होगा बड़ों का आदर करना शिष्टता से बात करना मेहनत करना आदि.....
जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था वह तो हमें सिखाया ही नहीं गया।
और यह जानने में कभी-कभी हमारी पूरी उम्र निकल जाती है।
खुद से प्यार करना, जी हाँ यह जानने में हमारी उम्र निकल जाती है कि हम खुद अपनी पहली जरूरत हैं।
और हम तो यह सीख कर बड़े हुए की खुद से प्यार करना स्वार्थी कहलाता है।
कैसे हम दूसरे को प्यार कर सकते है जब हम अपने अंतरतम को नहीं जानेंगे।
कभी -कभी पूरी जिन्दगी हम दूसरों को निस्स्वार्थ भावना से प्रेम बांटते गुजार देते हैं।
कभी हम अपने त्याग का मुल्य चाहते हैं।
और कभी जाके जब हमें त्याग और प्रेम की कद्र मिलती है तब लगता है झूठी ही सही लेकिन अस्तित्व साबित कर पाई।
जब तक अपने आप से प्यार करना नहीं सीखेंगे तब तक किसी और से सच्चा वाला प्यार हो ही नहीँ सकता किसी भी इंसान को सबसे पहले खुद को समझना चाहिए क्योंकि वो अकेला आया है अकेला जाएगा बाँकी के सारे रिश्ते यहीं मृत्यु भूमि पर मिले और बिछड़ जाएँगे जो की चिरंतन सत्य है।
दूसरों के प्रति अपनी जिम्मेदारीयों के साथ आपकी एक जिम्मेदारी आप खुद हैं। जरूरी नहीं की पुरा दिन बस वहीं काम करके मशीन की तरह बिताया जाए। कभी-कभी कुछ अलग करिये।
पुरे दिन में 20 से 30 मिनट का समय खुद को हंसाने मे खुद में लगाए।
उल्टा चश्मा लगाकर टीवी प्रोग्राम देखें, अखवार पढें।
किसी के बोलने के तरीके का इस्तेमाल अपनी बोली में करें।
बच्चों जैसी मस्ती करें आपका चेहरा मुस्कान से भर जायेगा।
दूसरों के हंसते चेहरे को देखें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा एक सुकून भरी सांस मिलेगी।
पुरानी यादों पर हंसे उन यादों पर जिन्हें आप भूलना नहीं चाहते, उन यादों पर जिन्हें आप खोना नहीं चाहते, उन यादों पर जिन्हें बस एक बार याद करके आप खुद को अलग ही दुनिया में पाते हैं। वो वक्त ऎसा होता है जब आपको हंसने के लिए किसी साथ की जरूरत नहीं होती।
यदि आप हॅंसना जानते हैं तो दुनियां के सबसे धनी इंसान हैं, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र क्या है और आपके पास पैसे हैं या नहीं। जिन्दगी के वो लम्हें बहुत ही खुबसुरत होते हैं जब आप हंसते हैं । ये हो ही नहीं सकता की आप ज्यादा देर तक उदास रह सके। अपनी किसी ऎसी गलती पर हंसे जो आपने अनजाने में किया हो और वो बहुत ही फनी हो उसे दूसरों से शेयर भी करें और खुद भी हंसे। खुद पर हंसिये क्योंकि आप खुद पर हंसते है तो कोई आप को खुश रहने से नहीं रोक सकता। आप खुद भी हल्के महसूस करते हैं। हंसना है, ये सोचे बगैर की सामने वाले को कैसा लगेगा, शायद आपको हंसता देखकर वो भी खुश हो जाय। ये तो सुना होगा न स्माइल इन्फेक्शन। तो चलिए हंसते हैं। हा हा हा ही ही ही...