शेख चिलली कोन था? इसका किसी को नहीं पत्ता, पर शेख चिल्ली की कहानियों ने भारत और पाकिस्तान में कई पीढ़ियों का मन बहलाया हैं।
शेख चिल्ली को अक्सर एक बेवकूफ और ऐसे सरल इंसान जेंसे दर्शाया जाता है जो किसी भी काम को ठीक नहीं कर पाता है! वो दिन में सपने देखता है और हवाई महल बुनता है।
उसकी पैदाइश एक शेख परिवार में हुई।
शेख - मुसलमानों की चार मुख्य उपजातियों में से एक हैं। शेख चिलल्ली की मां एक गरीब विधवा थी। शेख चिल्लौ के बारे में बहुत कम जानकारी हैं। इसलिए उसके बारे में लिखी कहानियों में सच्चाई और झूठ को अलग-अलग करना बहुत कठिन हो जाता हैं।
एक मत्त को अनुसार शेख चिल्ली का जन्म पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुआ, फिर वो हरियाणा में आ गया जहां उसने कई वर्ष झज्जर के नवाब के लिए काम किया। उसकी मृत्यु कृसक्षेत्र में हुई जहां आज भी शेख चिल्ली/ के मकबरें को देखा जा सकता है।
ऐसा कहां जाता था कि बुढ़ापे में शेख चिलली फकौर बन गया था। उसका नाम “चिल्ली' शायद उसके द्वारा चालौस दिन तक लगातार प्रार्थना - जिसे 'चिल्ला' कहते हैं - करने के कारण पड़ा हो।
यह मत एतिहासिक रूप से सच है या नहीं इसकी पुष्टि करना संभव नहीं है।
इस मसहाहीप में बीरबल और तेनालीराम नाम के दो मजाकिया पात्र, काफी मशहूर हैं। शेख चिहली में इन दोनों हस्तियों की हाजिस्जवाबी
भले ही न हो परंतु उसे बचपन से जवानी तक महज लोगों के उपहास का पात्र मानना, इंसानियत के खिलाफ सरासर नाईसाफी होगी। यो एक साधा खादा इस्रान था। उसके समाज के अनुसार चलने के तरीके शायद हैस हास्यास्पद लगे परंतु उसको नियत में कोई खोट नहीं थीं।
उसके दिल में किसी के खिलाफ ईर्ष्या या नफरत नहीं थी, वो चालाकी, छल और फरेब से दूर एक निष्कपट और मददगार इंसान था। दिन में सपने इख्ना - शायद यह गलत हो। परंतु फिर वो कौन है जो आने वाले सुनहर॑ कल के सपने नहीं देखता ?
सच बात तो यह है कि हम सभी में शेख चिल्ली का कछ-न-कछ अंश हैं। इतने बरसों से शेख चिल्ली की लोकप्रियता का शायद यही सच्चा कारण हैं।