प्लेनचिट पर आत्मा का आह्वान

तंत्र एक विलक्षण विद्या है।

प्राचीन समय से ही तंत्र के बारे में यह धारणा रही है कि इसके द्वारा अद्भुत और असंभव कार्य किए जा सकते हैं।

इसी कारण तंत्र ने सदैव मनुष्य को आकर्षित किया है।

समय-समय पर देश-विदेश के अनेक महापुरुषों ने तंत्र साधने की कोशिश की थी।

उन्हें सफलता मिली या असफलता यह तो अलग बात है लेकिन तंत्र की ओर लेखकों के आकर्षित होने के प्रसंग बहुत रोचक हैं ।

एक अमेरिकी महिला एलिजाबेथ कूटन ने उपन्यास लिखने में बहुत नाम कमाया है।

उपन्यासकार बनने से पहले एलिजाबेथ कूटन एक साधारण महिला थीं। एक दिन उन्हें तंत्र पर एक किताब पढ़ने को मिली।

जिसमें प्लेनचिट पर प्रेतात्माओं के आह्वान का तरीका बताया गया था।

एलिजाबेथ कूटन की रुचि जागी और उन्होंने प्लेनचिट का प्रयोग करके देखा ।

एलिजाबेथ को अपने पहले प्रयास में सफलता मिली, लेकिन प्लेनचिट पर जिस आत्मा का आह्वान किया गया वह नहीं आई बल्कि एक लेखक की आत्मा आ गई।

लेखक की आत्मा ने एलिजाबेथ के माध्यम से एक उपन्यास पूरा करना चाहा।

जब एलिजाबेथ ने अपनी असमर्थता व्यक्त की तो लेखक आत्मा ने उसे डराया-धमकाया। आखिर एलिजाबेथ को उपन्यास लिखने के लिए बाध्य होना पड़ा ।

लेखक की आत्मा रोज एकांत में कूटन को डिक्टेशन देती और कूटन उसे ज्यों-का-त्यों उतार लेती।

उपन्यास पूरा होने पर लेखक की आत्मा ने उपन्यास को प्रकाशित कराने में एलिजाबेथ की मदद की।

उपन्यास बड़ा लोकप्रिय हुआ और उपन्यासकार के रूप में एलिजाबेथ कूटन की ख्याति सर्वत्र फैल गई।

फिर क्‍या था ? आत्मा के निर्देश पर एलिजाबेथ कूटन ने एक के बाद एक कई उपन्यास लिखे और नाम के साथ- साथ उसने पैसा भी कमाया।

अपने जीवन के अंत में एलिजाबेथ कूटन ने रहस्योद्घाटन किया कि उपन्यास उसके द्वारा नहीं लिखे गए हैं बल्कि किसी गुमनाम लेखक की आत्मा द्वारा लिखवाए गए हैं।

इस तरह तंत्र के छोटे से प्रयोग ने एलिजाबेथ कूटन के जीवन की दिशा बदल दी।