इंग्लैण्ड के उत्तर में एक प्राचीन जमींदार ताल्लुके का मकान है जिसका निर्माण काल सन्न 1370 था।
कहते हैं कि महारानी एलिजाबेथ के शासन काल में इस जागीर का मालिक सर जॉन साउथबर्ग नामक एक कटटर रोमन कैथोलिक था।
एक दिन सहसा उसे भनक मिली की उसकी एक बेटी किसी प्रोटैस्टैंट से प्रेम करती है।
इतना पता चलते ही उसके क्रोध की सीमा न रही।
उसने अपनी लड़की को बुलाकर खूब लताड़ा और कहा कि यदि इस क्षण के बाद उस व्यक्ति से मिलने का दुः सहास किया तो तुम्हारी खाल खिंचवा लूंगा।
लड़की भी पिता के समान ही जिद्दी थी। वह अपने प्रेमी से मिली और भागकर चुपचाप विवाह करने का निश्चय कर लिया।
किन्तु दुर्भाग्य से कन्या के भाई को उनकी योजना का पता चल गया।
एक दिन संध्या होते ही लड़की का प्रेमी अपने साथ दो मित्रों को लेकर उसे लेने पहुंचा, सहस उन तीनों पर कुछ लोग टूट पड़े और उनकी हत्या कर दी।
इस जघन्य कर्म करने के पश्चात कन्या के परिवार वालों ने कन्या को किसी विदेशी मठ में भेज दिया, जहाँ वह घुल-घुलकर मर गई।
लोगों का कथन है कि अब भी उसकी प्रेतात्मा अपने प्रेमी से मिलने आती है।
ज्यों ही वह मकान से बाहर निकलती है उसका प्रेमी घुटनों के बल झुककर उसका स्वागत करता है।
तत्पश्चात वह थोड़ी दूरी तक एक साथ चलते हैं और फिर आलिंगनबद्ध होकर सहसा अदृश्य हो जाते हैं।
इस मग्न जोड़े की विफल प्रेम कहानी का प्रमाण कुछ वर्ष ही तब मिला जब उस मकान के पास खुदाई की गई और उस स्थान से तीन ठठरियां निकली।