जादुई दरवाजा

जादुई दरवाजा ।

ए कहानी तीन दोस्तों की है जो गांव से होते हुए पैदल, नए राह के लिए निकल रहे थे।

वह तीन दोस्त दिन रात चलते हुए अपने मंजिल की ओर बढ़ते जा रहे थे। कुछ दूर चलने के बाद, सभी काफी थक जाते हैं क्योंकि रास्ते में काफी गर्मी थी और तेज धूप भी निकला हुआ था।

सूरज की तेज किरणें को देख कर राम बोल उठता है यार कितनी तेज धूप है अभी और बहुत दूर चलना है।

और ऊपर से तेज धूप के कारण मुझसे से और चला भी नहीं जा रहा है और इसी तेज धूप के कारण मेरी हालत खराब हो रही है।

राम के बात सुनकर उसके मित्र गोविंद कहता है ‘हाँ’ तुमने ठीक कही है मैं अब अगर एक कदम भी चला तो वहीं गिर जाऊंगा यार जल्दी से कहीं रहने का इंतजाम करो।

गोविंद को इस हाल में देखकर राम कहता है यार इस घने जंगल में कहां रहने के लिए जगह मिलेगा।

राम श्याम और गोविंद इन तीनों दोस्त पैदल चलते ही जा रहे थे कि तभी, उसे कुछ दूर में एक बड़ा सा पेड़ नजर आता है।

पेड़ को देखकर तीनों दोस्त जैसे-तैसे चलते हुए पेड़ तक पहुंचते हैं और पेड़ तक पहुंचते ही सभी चैन की सांस लेने लगते हैं, और वहीं बैठ कर आराम करने लगते हैं।

और तीनों दोस्त आपस में कहते हैं “यहां कितनी ठंडक है कितना आराम भी है दोस्तों और कुछ देर यहीं आराम किया जाए।

और हम लोगों को दो-तीन घंटे आराम करने के बाद ही चला जाएगा। फिर तीनों दोस्त वही आराम करने लगते हैं और आराम करते करते वही सो जाते हैं।

सुबह से श्याम हो जाती है और सभी वही सोए रहते हैं थोड़ी देर बाद राम उठता है और सभी को उठाता है, अंगड़ाई लेते हुए श्याम कहता है यार थोड़ी देर और सोने दो काफी आनंद आ रहा है।

राम तभी श्याम को कहता है नहीं यार जल्दी से उठो हमें अब अपने राह में निकलना है और गोविंद को उठाओ जल्दी।

राम के बातें सुनकर वह उठ जाता है और गोविंद को भी उठाता है।

तीनों दोस्त उठते हें, और फिर से सफर में चलने के लिए निकलते हैं।

काफी रात हो चुकी थी श्याम को एक गुफा दिखता है और श्याम गुफा देकर कहता है सभी को, यार वहां देखो एक गुफा है तब राम जवाब में कहते हैं गुफा में हमें क्या करना है हम अपनी राह में चलना हें क्यूंकी हमें जल्दी अपने मंजिल में पहुंचना है।

तभी गुफा से एक तेज रोशनी आती हुई दिखी श्याम को रोशनी को देख कर श्याम कहता है हमें चलकर एक बार देखना चाहिए क्या ही अंदर।

उसके बाद सभी दोस्त उस गुफा की ओर चल देते हैं वह थोड़ी ही देर में सभी अंदर पहुंचते हैं और पहुंचते ही गोविंद को एक सोने का सिक्का जमीन पर गिरा हुआ मिलता है।

सिक्का उठाकर गोविंद कहता ही “यार यह देखो एक सोने का सिक्का मिला मुझे, सभी देखकर कहता हे अरे हां यार सच में यह तो एक सोने का सिक्का है।

गोविंदा कहता है इसका मतलब अंदर गुफा में ढेर सारे खजाने होंगे और वह सारा खजाना हमारा हो सकता है, हमें अंदर जाना चाहिए।

गोविंद के बातें सुनकर राम दोनों दोस्त को काफी समझाते हुए कहता है नहीं यार यह हमारा खजाना नहीं है इसमें कुछ खतरा हो सकता है हमें अपने मंजिल कीऔर जाना चाहिए।

पर उनके दोस्त नहीं समझते हैं और उसे डरपोक कहकर गुफा से जाने को कहता हे।

और राम को मजबूरन अपने दोस्त के साथ अंदर जाना पड़ता है।

जैसे ही तीनों दोस्त अंदर गुफा में जाते हैं सबकी नजर दरवाजे पर टी ही।

वहां तीन बड़े दरवाजे थे और तीनों दरवाजा काफी चमक रहा था। दरवाजे को देखकर श्याम कहता है देखो इन दरवाजे के अंदर ही खजाना छुपा हुआ है, मगर वहां दरवाजे में कुछ लिखा हुआ है।

तभी गोविंद कहता है हां यार क्या लिखा हुआ है मुझे भी तो कुछ लिखा हुआ दिख रहा है पर मुझे समझ नहीं आ रहा है।

क्योंकि श्याम और गोविंद दोनों को ही वह भाषा समझ नहीं आती है पर राम को वह भाषा तुरंत समझ आ जाती है।

और राम लिखा हुआ देखकर कहता है यह तो मैं पढ़ सकता हूं यह मैथली में लिखा हुआ है।

तुरंत ही उसके दो दोस्त कहता है पढ़ तो जल्दी पढ़ कर बताना क्या लिखा हुआ है।

हां मित्रों बताता हूं इस पर लिखा हुआ है यह तीन जादुई दरवाजे है आपको तीनों में से सही दरवाजा चुनना है अगर गलत दरवाजा चुना तो आप लोग नरक में चले जाएंगे।

राम के बातें सुनकर गोविंद कहता है यार तू हमें डरा रहा है, और राम की बात को नहीं मानते हैं।

और तभी अचानक पहला जादुई दरवाजा से आवाज आती है “ऊंची आवाज में” मेरे पास आओ मेरे पास ढेर सारे खजाने हैं।

और फिर दूसरा दरवाजा से आवाज आता है मेरे पास आओ यहां है खजाना, दरवाजे को बोलता हुआ देखकर तीनों दोस्त डर जाते हैं।

और डर से राम कहता है दोस्तों यहां से चुपचाप चलो यहां खतरा नजर आ रहा है।

फिर से गोविंद बोलता हें यार तू बहुत डरपोक है शांत रह। फिर तीसरा दरवाजे से आवाज आती है जल्दी से मेरे अंदर आ जाओ मेरे पास है खजाना का समुंदर।

राम फिर से कहता है यार यहां खतरा है अगर गलत दरवाजे में गए तो नर्क में चले जाओग, इतनी चेतावनी के बाद भी उसके दोस्त राम के बात ना सुनकर उस दरवाजे के अंदर चले जाते हैं।

राम बाहर चला जाता है और दोनों दोस्त अंदर ही रहते हैं राम सबका बाहर इंतजार करता है थोड़ी देर बाद गुफा से अचानक तेज रोशनी आती है, फिर तुरंत बंद हो जाती है।

राम अपने आप से कहता है रोशनी कैसी थी मुझे अंदर जाकर देखना चाहिए।

राम गुफा के अंदर जाता है पर वहां उसके दोनों दोस्त नहीं थे दोनों दोस्त गायब हो चुके थे और उस जादुई दरवाजा में बंद हो चुके थे।

फिर राम रोता हुआ कहता है मैंने समझाया था पर मेरी बात नहीं मानी इसके कारण ही वह उस नर्क में फंस चुके हैं।