किसी अदृश्य शक्ति ने की रक्षा

मेरे पिता का दम घुटा जा रहा है, उन्हें बचाओ, वे एक तंग कोठरी में बंद हो गए हैं और उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है, चार बरस का टैड खेलते-खेलते अचानक रुक गया और चिल्लाने लगा।

कोई कुछ नहीं समझ पाया।

उन दिनों प्रथम विश्वयुद्ध चल रहा था और टैड का पिता फ्रांस के मोर्चे पर लड़ने के लिए गया हुआ था।

टैड इतना कहकर बेहोश हो गया और दो घंटे बाद उसकी तन्द्रा टूटी तो उसके मुँह से ये शब्द निकले, अब वे ठीक हो जायेंगे।

लोगों ने इतना ही समझा कि टैड को अचानक अपने पिता की याद आ गई है और वह कोई दुःस्वप्न देख रहा है।

बात आई-गई हो गई।

युद्ध समाप्त होने पर टैड का पिता घर लौटा तो उसने कहा कि मेरी रक्षा तो किसी अदृश्य शक्ति ने ही की।

मुझे बचने की कोई आशा नहीं रही थी।

मैं एक गैस चैंबर में फंस गया था, जिसमें मेरा दम घुटने लगा था और मुझे दिखाई देना बंद हो गया था।

तभी टैड जितना लंबा एक बच्चा न जाने कहाँ से युद्ध की विभीषिका पहुंचा, उसने चैंबर का मुँह खोलकर मुझे हाथ पकड़कर बाहर खींच लिया और मेरी यूनिट सैनिक ने मुझे अस्पताल पहुंचा दिया, जहाँ तीन सप्ताह के उपचार के बाद मुझे फिर से दिखाई देना शुरू हुआ।