संसार में ऐसी अनेक जेल हैं जहाँ पर भूतों का वास माना जाता है।
ये जेलें भुतही जेलें कहलाती हैं।
अनेक लोगों द्वारा उन कैदियों के भूतों को देखने का दवा किया जाता है, जिन्होंने लंबे समय तक कारावास की सजा काटी है।
कुछ कैदियों को जीते जी अपनी जेलों से इतना लगाव हो गया कि मृत्यु के बाद वे भूत बनकर पुनः बैरकों में लौट आए।
ये भूत अपनी बैरकों में अन्य कैदियों का रहना भी बर्दाश्त नहीं कर पाए। नतीजतन, कई जेलों की बैरकों को हमेशा-हमेशा के लिए बंद करने का निर्णय लेना पड़ा।
ब्रिटेन की डरहम जेल में नामी अपराधी डेविड डेविन्स को लाया गया था।
यहीं पर डेविड ने अपनी जिंदगी के 50 साल गुजारे। जब उसकी सजा पूरी हुई तब तक डेविड को इस जेल से इतना लगाव हो चूका था कि वह रिहाई के बावजूद भी जेल में ही रहना चाहता था।
इस संबंध में डेविड ने तत्कालीन गवर्नर जिरात क्लैटन को प्राथना-पत्र भेजा जिसमें शेष जिंदगी भी जेल में ही बिताने की अनुमति मांगी थी।
गवर्नर ने डेविड की मांग को अनुचित ठहराते हुए तत्काल रिहाई की आदेश जारी किए।
डेविड ने मन मारकर जेल छोड़ दी और अन्यत्र रहने लगा।
रिहाई के कुछ समय बाद ही डेविड की मृत्यु हो गई।
डेविड के भूत ने डरहम जेल की उसी बैरक में कब्जा जमा लिया जिसमें उसने सजा कटी थी। तब से डेविड के भूत ने इस बैरक में किसी भी कैदी को टिकने नहीं दिया।
डेविड का भूत आधी रात में बैरक में मौजूद बंदियों को इतनी यातनाएं देता था कि बंदी चीख-चीखकर बेहोश हो जाते थे।
आखिरकार, जेल प्रशासन ने उसे बैरक को बंद करने का निश्चय किया।