नग्न लड़के की आत्मा

कुछ प्रेतात्माएँ उपकारी और सहयोगी सिद्ध होती हैं।

ऐसे ही एक आत्मा थी जो, नग्न लड़का के नाम से प्रसिद्ध हो गई।

संडरलैण्ड के समीप दिल्टन दुर्ग इस आत्मा की कार्यस्थली थी।

दुर्ग के सब लोग जब सो जाते तो यह नंगी प्रेतात्मा प्रकट होती और आकर मक्खन बिलोती, जूठी प्लेटें साफ़ करती और जो भी काम अधूरा पड़ा होता, उसे पूरा करके चली जाती थी।

उसके सिर पर काम करने का भूत इतना सवार था कि यदि किसी दिन नौकर-चाकर सब काम पूरे कर जाते और जूठी प्लेटें आदि उसे दिखाई न देती, तो क्रोधित होकर वह प्लेटें और अन्य बर्तन-भाड़े फोड़ने, दूध गिराने, मेज कुर्सियों तोड़ने लग जाती।

दूसरे दिन नौकर-चाकर झख मारकर उसके लिए कुछ-न-कुछ काम छोड़ जाते और नंगा लड़का संतुष्ट हो जाता।

एक दिन दया करके क नौकर ने उसके लिए कपड़ों का एक जोड़ा रख दिया। रात को जब नंगा लड़का आया तो ख़ुशी के मारे नाच उठा।

किन्तु अफ़सोस उस रात के पश्चात वह कभी लौटकर नहीं आया और बेचारे नौकरों को अब सारा काम स्वयं निबटना पड़ता।