काफी चर्चा के बाद विशेषज्ञों और प्रेत खोजियों के एक दल ने इसकी
सच्चाई पता लगाने का निश्चय किया कि क्या सचमुच अमेरिका की विलई लाइब्रेरी में हट शनिवार शाम का झुटपुटा शुरू होते ही एक रहस्यमयी महिला प्रेतात्मा आती है ?
लोग उसे 'लेडी इन ग्रे" के नाम से जानते हैं।
यद्यपि दल के सदस्य आत्माओं के अस्तित्व के विरुद्ध नहीं थे, पर इस मामले में जांच करके वे ग्रह निश्चित कर लेना चाहते थे कि यहां सचमुच में कोई आत्मा आती है, या फिर लोग खामोशी और सननाटे में भ्रमवश ऐसा मान बेठे हैं।
अत: एक शनिवार को यह टीम अपने खोजी यंत्रों के तामझाम सहित विलई लाइब्रेरी पहुंच गई।
इस टीम के मुखिया थे जाने-माने मनोवैज्ञानिक सलाहकार और खोजी-टिम हार्ट ।
टीम ने लाइब्रेरी के विभिन्न कक्षों में अपने खोजी उपकरण फिट कर दिए, जिन्हें वहीं पर बनाए नियंत्रण-कक्ष से जोड़ दिया गया।
इनमें वीडियो कैमरे, कई प्रकार के सेंसर तथा बेहद संवेदी परीक्षण उपकरण शामिल थे।
टीम में शामिल मनोवैज्ञानिक तथा अन्य विशेषज्ञ भी लाइब्रेरी के विभिन्न कक्षों में फैल गए।
रात के गहराने के साथ ही खोजी दल के सदस्यों की चौकसी और उत्सुकता बढ़ती गई।
पर उस रात प्रेतात्मा वहां नहीं आई, या यूं कहिए कि खोजी दल की नजरों से बचने में सफल हो गई।
हां, कई खोजी उपकरणों ने इमारत में किसी आत्मा की मौजूदगी के संकेत जरूर दिए। टीम के कुछ सदस्यों को भी वहां आत्मा होने की अनुभूति हुई। एक साहब ने तो यहां तक कहा कि शाम को उसने एक छाया को वहां देखा था।
दल ने तीन स्थानों पर 'स्टैटिक एच फील्ड ' मॉनीटर लगाए हुए थे।
इनमें से दो बच्चों के सेक्शन में थे और तीसरा ऊपर की मंजिल में स्थित शोध खंड में । सभी का रुख उत्तर को तरफ था।
इनसे जो प्रिंट आउट मिले, उनमें जमीन के चुंबकीय क्षेत्र में लहरों जैसी असामान्य हलचलें अंकित थीं।
हार्ट ने इन हलचलों को दिशासूचक यंत्र के उस कंपन की तरह बताया, जो उन्हें चुंबक के करीब ले जाने पर होता है।
यों इस प्रकार की असामान्य हलचलों के अनेक भौतिक कारण गिनाए जा सकते हैं। लेकिन हार्ट इन्हीं असामान्य संकेतों को आत्मा की उपस्थिति का प्रमाण मानते हैं ।
वे कहते हैं, 'यही तो प्रमाण है, हम इसी की खोज में तो लगे हैं।' कुछ प्रिंट आउटों में मामूली, तो कुछ में बिलकुल भी हलचल नहीं थी।
हार्ट का मानना है कि यह सभी इस बात की ओर संकेत करते हैं कि लाइब्रेरी में कुछ असामान्य हो रहा है। मॉनीटरों से प्राप्त इन प्रिंट आउटों के अलावा विभिन्न स्थानों
पर जो सेंसर लगाए गए थे, उनसे भी लाइब्रेरी में किसी अनजान छाया की मौजूदगी का आभास हुआ।विशेषज्ञ मानते हैं कि वहां कोई 'तीसरी आंख' भी थी, जो उन सब पर नजर रखे हुए थी।
इसके अलावा विभिन्न सेंसरों के जरिए अवरक्त, पराबैंगनी, गतिमान तथा चुंबकीय क्षेत्रों में असामान्य हलचलों के संकेत मिले।
प्रेतात्मा की सच्चाई जानने निकली टीम के इन खोजी निष्कर्षों को अधूरा तो कहा जा सकता है, पर सिरे से नकारा नहीं जा सकता।
और टीम लीडर हार्ट का भी यही मानना है फिलहाल मैं यही कह सकता हूं कि इस इमारत में आत्मा का निवास है।'