जिम्बाब्वे के चर्चित राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे अपने विरोधी तोंगोगोरा के भूत से बुरी तरह परेशान रहे।
राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों के मुताबिक रात को खाते वक्त वे एक थाली तोंगोगोरा के लिए भी लगवाते हैं और बाकायदा उसके लिए खाना भी परोसा जाता है।
राष्ट्रपति के नजदीकी लोगों के मुताबिक राष्ट्रपति मुगाबे तोंगोगोरा के भूत को पिछले छह महीने से लगातार देख रहे हैं ।
तोंगोगोरा 1980 में एक सड़क हादसे में मारे गए थे।
उस वक्त वे जिम्बाब्वे की राजनीति में काफी प्रभावशाली भूमिका निभाते थे और राष्ट्रपति चुनाव में भी उनके जीतने की पूरी उम्मीद थी।
पर इस चुनाव में राष्ट्रपति पद पर जानू की जीत हुई और तोंगोगोरा एक कार दुर्घटना में मारे गए।
तभी से यह शक जताया जा रहा था कि यह हादसा दरअसल एक साजिश था।
मुगाबे ने बाद में यह साफ भी कर दिया था कि वे हमेशा से पूरी ताकत चाहते रहे हैं।
तोंगोगोरा के राष्ट्रपति रहते वे प्रधानमंत्री बनकर भी सारी ताकतों को अपने मुट्ठी में बंद नहीं कर सकते थे।
जिम्बाब्वे की तीन- चौथाई आबादी शोना समुदाय की है, जिसमें यह माना जाता है कि मरे हुए इंसान की आत्मा आसानी से किसी भी जिंदा इंसान से संपर्क कर सकती है, साथ ही उसके शरीर पर कब्जा भी कर सकती है।
आमतौर पर वे इस आत्मा को श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं और उसके आराम के लिए कई तरह के इंतजाम भी कराते हैं ।
पर, साथ ही यह भी मान्यता है कि अगर ये आत्मा किसी से नाराज हो जाए तो उसका जीना मुहाल कर देती है।
मुगाबे ने इस मुसीबत को दूर करने के लिए ओझा- गुणियों की मदद मांगी है, साथ ही सरकारी मनोवैज्ञानिक ब्लैड रैनकोविक ने उन्हें चिंता से उबरने के लिए कुछ दवाएं लेने की सलाह भी दी है।