भूतिया लाइब्रेरी जहां किताबें खुद-ब-खुद गिरती रहती हैं
यहां कब्रिस्तान के बारे में बहुत-सी कहानियां कही जाती हैं।
एक महिला एक बार जब इस कब्रिस्तान के पास खड़ी थी, तब उसने एक जवान लड़के तथा लड़की को एक-दूसरे के हाथ पकड़े कब्रों के बीच घूमते देखा ।
दस मिनट के बाद वे कब्रों के पीछे गायब हो गए।
बाद में उसे अहसास हुआ कि वे दोनों पुराने फैशन के कपड़े पहने हुए थे।
एक छोटी लड़की को भी सफेद कपड़े पहने बहुत बार देर रात को कब्रिस्तान में घूमते देखा गया है।
एक बड़े कुत्ते को भी अनेक बार देखा गया है जो कि वहां आने वाले लोगों को बहुत बार भयभीत कर चुका है।
अब तो लोग इसे अभिशप्त इमारतों का शहर मानने लगे हैं।
शहर का नाम है--पिक्सन। आस्ट्रेलिया में सिडनी से लगभग 80 किमी दक्षिण पश्चिम में और वोलोनडिल्ली क्षेत्र के बीचों-बीच एक छोटा-सा शहर है--पिक्सन।
इसका इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। इस क्षेत्र का 1798 में पहली बार बसने के लिए पता लगाया गया।
इसके विषय में कहा जाता है कि 1822 तक, जब इस शहर की खोज की गई तो यहां की भूमि अनुदान के रूप में मेजर हेनरी कल्डन एनटील को दी गई।
मूलत: इस शहर का नाम स्टोनक्यूरी था, जिसे 1891 में बदलकर पिक्सन किया गया।
ऐसा माना जाता है कि यह नाम सर थामस पिक्सन के नाम पर रखा गया, जो वेलिंगटन जनरल के वाटरलू की लड़ाई में ड्यूक थे।
यहां के सेंट मार्क गिरजाघर और पायनियर कब्रिस्तान की रूपरेखा शिल्पकार एडमण्ड ब्लैकेट ने तैयार की थी।
इसका निर्माण कार्य जुलाई 1850 में शुरू हुआ, जब सोने की खान की खोज हुई और सभी मजदूर सोने की खान में काम करने के लिए प्रस्थान कर गए।
गिरजाघर अंततः 1856 में बनकर तैयार हुआ। बलुआ पत्थर से तैयार और पुरानी गोथिक चित्रांकन शैली में, यह गिरजाघर और कब्रिस्तान, पिक्सन के मेनेग्रला स्ट्रील वेस्ट में स्थित है ।
ऐतिहासिक इम्पीरियल होटल का निर्माण 1860 में किया गया था और इसे टर्मिनल कहा जाता था, क्योंकि पिक्सन 1863-1867 तक रेलवे का अंतिम स्टेशन था।
1877 में होटल का स्वामित्व कर्नल जोन हें गुडलेट ने लिया, जो कि एक धनी व्यापारी था।
उसने अपनी बहन को यक्ष्मा में खोने के कारण, इस भवन को यक्ष्मा पीड़ितों के उपचार के लिए निर्धारित किया ।
जब यह भवन काफी छोटा पड़ने लगा और बहुत से रोगियों ने इस अस्पताल में उपचार के लिए आवेदन किया, तब गुडलेट ने थिरत्तमेरे के निकट जमीन खरीदकर क्वीन विक्टोरिया अस्पताल का निर्माण किया।
अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें हमेशा ऐसा लगता है कि जैसे कोई उनका पीछा कर रहा है,
ऐसा उन्हें भवन के कई हिस्सों में महसूस हुआ। इससे भी रहस्यपूर्ण जूकबॉक्स का बजना है जो कि बिना बिजली के खुद-ब-खुद बजने लगता है ।
ऐसा माना जाता है कि वूलोन्डिली शिरे लाईब्रेरी को वहां के एक स्थानीय निवासी कैथ मकिन्नोन ने भुतहा कर रखा है।
हालांकि कैथ को ही इस पुस्तकालय को शुरू करवाने का श्रेय जाता है ।
वहां भी हमेशा कुछ-न-कुछ अजीब होता रहता है। वहां के कर्मचारी इस बात के अभ्यस्त हो चुके हैं कि रात में वे चीजों को जैसा छोड़कर जाते हैं,सुबह उन्हें वे चीजें उस जगह बिल्कुल नहीं मिलती हैं ।
सफाई कर्मचारी हमेशा यही कहते रहते हैं कि उन्हें कदमों की आहट सुनाई देती है जब उस भवन में कोई नहीं होता।
उनका कहना है कि पुस्तकालय में अक्सर पुस्तकें खुद-ब-खुद गिरती रहती हैं।