फरिएतों का अस्तित्व

जो लोग ईश्वर में गहरी आस्था रखते हैं, उनका मानना है कि फरिश्तों का अस्तित्व है।

दुनिया के कई लोगों के इस बारे में अलग-अलग अनुभव भी हैं।

कुछ लोगों द्वारा इसे आंखों का भ्रम कहकर दरकिनार किया जा सकता है, पर कुछ लोग अपने अनुभव को भ्रम मानने को तैयार नहीं हैं।

आप पार्क के स्वच्छ वातावरण में होते हैं, तो ठंडी हवा के झोंकों के हल्के स्पर्श का अहसास करते हैं।

अगर आप अचेतावस्था में देवदूत के समूह में प्रवेश कर रहे हों तो ऐसा महसूस होता है कि फरिश्ते स्वयं आपके लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।

प्राचीन धर्म ग्रंथ के ब्रह्मज्ञानियों के अनुसार फरिश्ते ईश्वर द्वारा रचित एक अलौकिक शक्ति हैं, जिन्हें लोगों को सही रास्ता दिखाने के लिए पृथ्वी पर भेजा जाता है।

ऐसा विश्वास है कि कुछ खास अलौकिक शक्तियां अपने रूप बदलकर विचरण करती रहती हैं।

फरिश्तों की हमारे प्रति दोहरी भूमिका होती है।

एक तो वे हमें अच्छे विचारों से निर्देशित करते हैं, दूसरा यह कि बुरी आत्मा से हमें बचाते भी हैं। 17वीं शताब्दी के अक्टूबर माह में सभी चर्चों में देवदूत के सम्मान में उत्सव मनाया जाता था।

हालांकि धर्म ग्रंथों में देवदूत की रचना या उसके प्रभाव में आने की कोई प्रामाणिक और निश्चित समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

नए विधानों में बहुसंख्यक फरिश्तों का उल्लेख किया गया है। देवदूत, बुद्धिमत्ता, स्वतंत्रता और शक्ति से परिपूर्ण हैं।

नए विधानों में उनके विभिन्‍न रूप उन्हें प्रदत्त किए गए विभिन्‍न कार्यों के सूचक हैं।

दिव्य देवदूतों के समूह को क्रमश: सेराफिम, श्रोन्स, डोमिनियन्स, वर्चुअल, पावर्स, प्रिन्सिपलिटाज, आर्केगिल्स और एन्जिल्स आदि रूपों में वर्णित किया जाता है।

अमेरिका के मिशीगन शहर के निवासी हैराल्ड अपनी पत्नी के साथ एक पुराने मकान में रहते हैं ।

वे कम सुनते हैं और दोनों ही कानों में यंत्र का प्रयोग करते हैं । उनके मकान के सभी कमरे एक बड़े कमरे से सटे हुए हैं।

एक दिन शाम को उनकी पत्नी बीमार पड़ गई और वे हैराल्ड को एक घंटे तक पुकारती रहीं।

यद्यपि वे एक-दूसरे से कुछ ही फुट की दूरी पर थे, दोनों कमरे के दरवाजे खुले हुए थे, किंतु हैरल्ड उनकी आवाज नहीं सुन सके। वे व्याकुल थीं और उठ नहीं सकती थीं।

हैराल्ड के अनुसार इसी बीच एक देवदूत उनकी चारपाई के समक्ष प्रकट हो गए। उनका रंग पूर्णतः सफेद था।

हैरॉल्ड डरे नहीं। वे तुरंत उठे और पत्नी के कमरे में चले गए। देवदूत विलुप्त हो गए।

लोग उनकी पत्नी को तत्काल अस्पताल ले धक वह बच गईं। हैराल्ड का विश्वास है कि फरिश्ते हर किसी की मदद करते हैं।

वर्षों पूर्व वे हास्पिटल में भर्ती थे। ऑपरेशन के दौरान उनके बचने की संभावना कम ही रह गई थी।

परिवार के सभी लोग वहां एकत्रित हो गए थे।

किंतु लंबे समय तक पीड़ा से जूझने के बाद वह स्वस्थ हो गए।

उनके अनुसार, जब वे गहन पीड़ा में थे तो नर्स के रूप में उन्हें एक स्त्री दिखाई दी।

उसने उनकी खूब सेवा की, पर यह स्त्री वह नर्स नहीं थी जिसे वे हमेशा गैबराइल के नाम से पुकारते थे।

बाद में नर्स के रूप में प्रकट होने वाली वह स्त्री उन्हें कभी दिखाई नहीं दी।

कुछ लोग इसे एक बीमार व्यक्ति का भ्रम कहकर खारिज करते हैं, पर हैराल्ड को तो अपनी आंखों पर ही भरोसा है।