कभी-कभी बड़े शौक से खरीदी गई चीज भी आदमी को माफिक नहीं पड़ती।
वह चीज खरीदते ही व्यक्ति के लिए मुसीबतों का दौर शुरू हो जाता है और कभी इतना भारी पड़ता है कि उसे अपनी जान तक गंवानी पड़ जाती है।
अभिनय-द्षेत्र में हॉलीवुड की उभरती नौजवान प्रतिभा जेम्स डीन के मामले में भी ऐसा ही हुआ।
जेम्स अपनी किशोर वय में ही अभिनय में अपनी विलक्षण प्रतिभा और सुनहरे भविष्य के संकेत देने लगा था, लेकिन वो सुनहरा भविष्य आने से पहले ही उसको मौत हो गई ।
उसकी मौत का कारण बनी उसकी प्रिय कार पोर्शे । घटना 1955 की है।
अभिनय क्षेत्र में जेम्स एक के बाद एक फिल्मों में अपनी श्रेष्ठता के झंडे गाड़ रहा था।
हॉलीवुड समेत उसके प्रशंसक भी उसे भविष्य के नंबर-वन' अभिनेता के रूप में देखने लगे थे, अपनी कारप्रियता के शौक शौक के चलते उसने एक सैकंड-हैंड पोर्शे कार खरीदी थी।
उस कार का पिछला इतिहास
क्या था, ये तो किसी को मालूम नहीं,
लेकिन जेम्स के पास आते ही उसका पुर्जा- पुर्जा अभिशप्त हो गया।
सबसे पहले तो स्वयं जेम्स ही उस कार को चलाते हुए एक दुर्घटना का शिकार हुआ।
दुर्घटना इतनी जबर्दस्त नहीं थी पर जेम्स सीट पर बैठा का बैठा ही रह गया।
कुछ दिनों तक कार जेम्स के घर पर ही खड़ी रही, फिर उसे एक कार-शौकीन जार्ज बेरिस ने खरीद लिया,
लेकिन उसने कार को खुद इस्तेमाल करने के बजाय उसके पुर्जे-पुर्जे अलग-अलग करके बेच डालने का फैसला किया।
पोर्शे का इंजन एक डॉक्टर ने खरीदा, जो खुद एक शौकिया कार-रेसर थे।
उन्होंने उस इंजन को अपनी कार में फिट करवा लिया, लेकिन एक मुकाबले के दौरान डॉक्टर साहब कार को संभाल नहीं पाए और दुर्घटना में मारे गए।
इसी तरह जिस व्यक्ति ने उसकी ड्राइव-शाफ्ट खरीदी थी, उसी मुकाबले में वो भी एक दुर्घटना में घायल हो गया।
और तो और पोर्शे की बुरी तरह क्षतिग्रस्त बाडी और चेसिस को सड़क-सुरक्षा अभियान के तहत एक बड़ी ट्राली पर रखकर जगह- जगह घुमाया गया,
लेकिन विडंबना यह रही कि हर जगह कुछ न कुछ हादसा होता रहा।
बहरहाल, जेम्स की पोर्श और उसकी अभिशप्तता का अंत तब हुआ,
जब कल-पुर्जों समेत उस कार के अस्थि-पंजर को ट्रेन द्वारा लास एंजेल्स वापस भेजा जा रहा था।
रास्ते में पता नहीं कब, कहां और कैसे--वह कार ऐसी गायब हुई कि कोई उसका पता भी नहीं पा सका।