कैदी

चौदह वर्ष का दीर्घ कारावास काटकर जब

आइवन आँखो टस्क जेल से बाहर निकला तो उसके हृदय में

शांति की शीतलता के स्थान पर प्रतिशोध की प्रचण्ड ज्वाला धधक रही थी।

चौदह साल पहले की स्मृतियां उसके हृदय में ज्वार-भाटा उत्पन्न कर रही थीं ।

वह जिस विद्यालय में पढ़ता था, वहाँ उसकी क्लास-फेलो हेलेन से

उसका प्रगाढ़ सम्बंध हो गया था ।

हेलेन के उग्र क्रांतिकारी विचारों का प्रभाव उसने हेलेन के प्रेम

में आबद्ध होने के कारण ग्रहण कर लिया था,

अन्यथा वह राष्ट्रवादी होते हुए भी इतना उग्रवादी न था ।

उन दिनों रोमनाफ उक्रायेन प्रांत का नया गवर्नर बन कर आया था ।

वह बड़ा अत्याचारी और दमनकारी था।

वह राष्ट्रवादियों का जानी दुश्मन था ।

आते ही उसने कितने ही संपादकों को साइबेरिया की जेलों में भेज दिया था।

म्यूनिसिपेलूटी तोड़ दी, मार्शल-लॉ लागू कर दिया और सैंकड़ों विद्रोहियों को गोलियों का शिकार बना डाला था ।

उसके आतंक से जनता थर्र उठी थी !

हेलेन का मत था कि हिंसा के जवाब में हिंसा-द्वारा ही इस जालिम और उसके शासन को खत्म किया जा सकता है ।

हेलेन रोमनाफ को मार डालने की योजना बनाती है ।

उसने आइवन को बताया कि वह रोमनाफ को अपने रूप-जाल में फंसा कर एकांत पार्क में ले जायगी

और तब आइवन अचानक वहाँ आकर रिवाल्वर की गोली से उसका खात्मा कर देगा ।

हेलेन की प्रेरणा से आइवन इस काम के लिए तैयार हो गया।

हेलेन रोमनाफ से मेलजोल बढ़ाती है ।

उसका विश्वास और प्रेम जीत लेती है ।

इस नाटक में हेलेन को रोमनाफ का सहवास करना और अंकशायिनी भी बनना पड़ा ।

एक रात को योजना के अनुसार हेलेन रोमनाफ को एकांत पार्क में ले गई ।

आइवन ने अचानक आकर रोमनाफ पर गोली चलाई, पर निशाना चूक गया ।

रोमनाफ ने एकदम शोर मचाकर सिपाहियों को बुला लिया ।

सब तरफ से सिपाहियों ने आकर आइवन को घेर लिया, पकड़ लिया ।

अपने प्रभाव और प्रेम में बांधकर रोमनाफ ने हेलेन को सरकारी गवाह बना लिया ।

वही एकमात्र चश्मदीद गवाह थी ।

आइवन को चौदह साल के कठोर कारावास की सजा हुई थी ।

जेल से छूटते ही आइवन हेलेन के दगा देने और बेवफाई करने का बदला लेने के लिए रोमनाफ के घर पहुंचा ।

वहाँ उसे हेलेन नहीं, हेलेन की लाश ताबूत में मिली ।

आइवन उसे नीच और दुष्टा कहता हुआ उधर जाने लगा तो रोमनाफ ने उसे बताया-आइवन,

हेलेन अंत समय तक तुम्हारी याद करती रही, मरते-मरते भी वह स्वयं को

तुम्हारी अपराधिनी समझती रही और यह वसीयत कर गई कि तुम्हारे सामने घुटने टेककर क्षमा-याचना की जाय!

आइवन ने ताबूत में से हेलेन का शांत मुख देखा मानों क्षमा की याचना कर रहा हो ।

वह फूट-फूट कर रो पड़ा और स्वयं भी वहीं ढेर हो गया !