उपनिषदों में वेदों का सार है। उसमें तत्व ज्ञान, जीवन लक्ष्य, मोक्ष और परम आनंद आदि विषयों पर ऋषियों का आध्यात्मिक चिंतन है।
उपनिषद् की निम्न पंक्तियाँ प्रार्थना के रूप में गायी जाती हैं:-
असतो मा सद्गमय
तमसो मा ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मामृतं गमय
ओऽम् शांतिः शांतिः शांतिः।।
जिसका अर्थ है:-
मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो। मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।
मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। ओऽम् शांति शांति शांति।