अवतार

हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि धरती पर जब भी बुराई की अधिकता हो जाती है,

धर्म का नाश होने लगता है और अधर्म का बोलबाला हो जाता है

तब दुष्टों के नाश तथा धर्म की स्थापना के लिए स्वयं भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।

'अवतार' संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'उतरना'।

धरती पर ईश्वर का अवतरण मानव रूप में या किसी भी अन्य रूप में संभव है।

अपना कार्य पूरा करके वे पुनः अपने घर वापस लौट जाते हैं। विष्णु भगवान ने कई अवतार लिए,

जिनमें दस अवतार प्रमुख हैं: मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि।

भगवत् गीता में भी कृष्ण भगवान ने कहा है कि धर्म का क्षय होने पर अधर्म का नाश कर,

धर्म की पुनर्स्थापना के लिए हर युग में वह अवतरित होते हैं।