एक बार ब्रह्मा और विष्णु में कौन अधिक श्रेष्ठ है?
इस बात को लेकर विवाद हो गया।
अचानक उनके समक्ष एक प्रकाश स्तम्भ प्रकट हुआ।
दोनों में सहमति बनी कि जो भी उसके छोर को ढूँढेगा वही श्रेष्ठ होगा।
ब्रह्मा स्तम्भ का छोर ढूँढने के लिए आकाश की ओर गए जबकि विष्णु भूतल की ओर छोर ढूँढने गए।
किन्तु दोनों ही छोर न ढूँढ सके।
इसी बीच आकाश से गिरते हुए केतकी के फूल को पकड़कर ब्रह्मा विष्णु से मिलने गए।
विष्णु ने छोर को ढूँढ पाने में अपनी असमर्थता बताई।
तब ब्रह्मा ने केतकी के पुष्प को दिखाते हुए असत्य कहा कि यह उन्हें स्तम्भ के ऊपर मिला था।
ब्रह्मा के असत्य से शिव रुष्ट हो गए।
वस्तुतः ब्रह्मा, विष्णु और महेश एक दूसरे के पूरक हैं।
जिस प्रकार अ, उ, म एक साथ मिलकर ‘ओऽम्’ बनता है उसी प्रकार ब्रह्मा सृष्टिकर्ता,
विष्णु-पालनकर्ता और महेश-संहारक हैं जो एक साथ त्रिदेव कहलाते हैं।