शत्रु पर कभी विश्वास न करें

नार्य, यदु, तुर्वश और तुर्विति- ये चारों अत्यंत धार्मिक राजा थे।

इनका राज्य अत्यंत समृद्ध था।

शांति-प्रिय होने के कारण उन्होंने अपने लिए ताकतवर सेना नहीं बनाई थी।

इस बात का पता शम्बर नामक असुर को चला।

उसने सुश्ण, पिपरू और कुयाव नामक असुरों के साथ मिलकर उनके राज्य पर धावा बोल दिया।

सभी राजाओं ने शम्बर से मिलकर अनुरोध किया, “हम लोग संधि कर लेते हैं...

आज से शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए हमें छोड़ दो...।”

सहमत होकर शम्बर ने कहा, “ठीक है, पर भविष्य में कभी भी सेना मत एकत्रित करना..."

किन्तु शम्बर शान्त नहीं बैठा।

उसने चुपचाप और ज़ोरदार हमले की योजना बनाई।

सभी राजाओं ने जाकर इन्द्र से प्रार्थना की, “हे प्रभु!

कृपया इन असुरों से हमें मुक्ति दिलाइए।

" इन्द्र ने शम्बर को परास्त करने के लिए अपनी सेना भेजी।

फिर उन्होंने चारों राजाओं से कहा, “शांति मन के लिए अच्छी है...

पर राजा का शक्तिशाली होना भी आवश्यक है जिससे वह अपनी जनता की रक्षा कर सके...

अपने शत्रुओं पर विश्वास करना बहुत बड़ी भूल है।”