बीरबल ने अकबर को मूर्ख कहा

एक दिन अरब का एक सौदागर अकबर के दरबार में अपने घोड़े बेचने आया।

उसने कहा कि

उसके पास सभी जाति और सभी उम्र के घोड़े थे।

अकबर उससे अत्यंत प्रभावित हुआ

और उसको कई घोड़े देने के लिए कहा।

सौदागर ने अरब पहुँचते ही घोड़े भेज

देने का वादा किया। अकबर मान गया और दो लाख रुपए उसे घोड़े के लिए दे दिए।

इधर अकबर ने बीरबल से कहा, “राज्य के दस बड़े मूर्खों की सूची मुझे दो।”

कुछ दिनों के बाद बीरबल ने अकबर को मूर्खों की सूची दी।

सूची देखकर अकबर आग बबूला हो उठा, “इस सूची में मेरा नाम लिखने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?"

शांतिपूर्वक बीरबल ने कहा, “महाराज, आपने अरब के सौदागर को बिना किसी जमानत के ढेर सारे पैसे घोड़ों के लिए दे दिए।

आपने यह भी नहीं सोचा कि वादे के अनुसार वह घोड़े लाएगा भी या नहीं।

इसी कारण मैंने आपका नाम सूची में सबसे ऊपर रखा।

अकबर ने कहा, “यदि वह घोड़े ले आया तो?"

“तब मैं सूची में से आपका नाम हटाकर उसका नाम लिख दूँगा।”

अचानक अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ।

बीरबल की हाज़िरजवाबी पर अकबर हँस दिए ।