एक दिन बादशाह अकबर बहुत चिंतित दिख रहे थे।
उनके दरबारियों के कारण पूछने पर उन्होंने कहा, “आज मुझे एक विचित्र सपना आया था।
सपने में मैंने देखा कि एक दाँत को छोड़कर मेरे सारे दाँत गिर गए थे।
मैं इसका अर्थ नहीं समझ पा रहा हूँ।
मुझे यह कोई बुरा संकेत लग रहा है, इसीलिए मैं चिंतित हूँ।”
ज्योतिषियों को जब इस बात का पता चला तब वे राजा से मिले और कहा कि उन्हें स्वप्न की व्याख्या/विवेचन आती है।
उन्होंने कहा, “महाराज ! इस स्वप्न का अर्थ है कि आपके सभी रिश्तेदारों की मृत्यु आपसे पहले होगी।
यह सुनकर अकबर आग-बबूला हो उठा और बिना पैसे दिए हुए ज्योतिषियों को वापस भेज दिया।
इधर बीरबल को इस विचित्र स्वप्न का पता लगा।
दरबार में आकर उसने राजा का अभिनन्दन किया और कहा,
“महाराज! मैं आपके स्वप्न का विवेचन कर सकता हूँ।
जैसा ज्योतिषियों ने कहा वैसी कोई बात नहीं है।
आपके स्वप्न का बस यही अर्थ है कि आप अपने रिश्तेदारों की तुलना में दीर्घायु होंगे और पूरा जीवन जीएँगे।”
यह विवेचन सुनकर अकबर प्रसन्न हो गए और उन्होंने बीरबल को ढेर सारे उपहार दिए।