राम और श्याम नामक दो मित्रों में आपस में लड़ाई हो गई।
दोनों ही एक आम के पेड़ को अपना बता रहे थे।
जब दोनों का झगड़ा नहीं सुलझा तब वे बीरबल के पास गए।
बीरबल ने उनसे पूछा, “मुझे सच-सच बताओ, आम के पेड़ का मालिक कौन है?"
उत्तर देने की जगह उन्होंने फिर से लड़ना शुरू कर दिया।
बीरबल ने चिढ़कर कहा, “रुको, इस फ़साद को सुलझाने का बस एक ही उपाय हैं
इस पेड़ का सारा फल तोड़कर तुम दोनों में बराबर-बराबर बाँट दिया जाए।
फिर पेड़ को काटकर उसके तने के दो बराबर भाग कर दिए जाएँ।
इस प्रकार तुम दोनों के पास आम का पेड़ हो जाएगा।
यही मेरा सुझाव है।
राम इस सुझाव से अति प्रसन्न हुआ पर श्याम रोने लगा।
उसने कहा, “नहीं, नहीं, कृपया आम के पेड़ को मत कटवाइएगा।
मैंने वर्षों इसकी देखभाल की है।
राम पेड़ ले सकता है पर उसे काटिए मत।"
बीरबल ने कहा, “श्याम तुम इस पेड़ के असली मालिक हो ।
राम को इसमें से कुछ भी नहीं मिलेगा।"