बेईमान साधु

एक बार एक महिला ने एक साधु को अपनी सारी जमा पूँजी सुरक्षित रखने के लिए दी।

साधु ने कहा, मेरे घर के किसी भी कोने में तुम इसे छिपा सकती हो।”

कई महीनों बाद जब वह महिला अपनी जमा पूँजी वापस लेने आई तब वह उसे वहाँ नहीं पाकर अचंभित रह गई।

साधु ने कहा कि उसने उस पूँजी को

हाथ भी नहीं लगाया था।

महिला ने इसके लिए बीरबल से सहायता माँगी। बीरबल ने अपने

सेवक से कहा, “साधु के पास इन रत्नों को लेकर जाओ और सुरक्षित रखने के लिए

कहो। उससे कहना कि ये रत्न तुम्हारे भाई के हैं, जो कुछ दिनों के लिए शहर छोड़कर जा रहा है।"

बीरबल ने उस स्त्री से कहा, "जब मेरा सेवक साधु

से बात कर रहा हो तभी तुम अपनी जमा पूँजी वापस माँगना।"

उस महिला को देखते ही साधु भयभीत हो उठा।

उसे लगा कि इस दूत को कहीं वह अपने खोए पैसे की बात न बता दे।

यह सोचकर उसने कहा, “तुमने अपनी पूँजी दबाई कहीं थी और उसे ढूँढ कहीं ओर रही थी।

तुम्हारी पूँजी उस कोने में है।”

ज्यों-ही महिला को अपनी पूँजी मिली, बीरबल के दूसरे सेवक ने वहाँ पहुँचकर पहले सेवक से कहा, “तुम्हारे भाई ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है।"

पहले सेवक ने कहा, “तब तो मुझे साधु की सहायता की आवश्यकता नहीं है।"

यह कहकर वह चला गया।