एक कठिन प्रश्न

एक बार अकबर के दरबार में एक विद्वान् आया।

उसकी इच्छा अपनी विद्वता सिद्ध कर राजा से पुरस्कार पाने की थी।

उसने कहा, “मैंने बहुत ज्ञानार्जन किया है।

यहाँ उपस्थित सभी लोगों से मैं अधिक ज्ञानी हूँ।

आप मुझसे कुछ भी प्रश्न पूछ सकते हैं और मैं बदले में आपसे कुछ प्रश्न करूँगा।

क्या किसी को मेरी चुनौती स्वीकार है?”

अकबर ने पल भर कुछ सोचा।

उस समय बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं था।

एक दूत भेजकर तुरंत अकबर ने बीरबल को बुलवाया।

बीरबल के दरबार में आते ही अकबर ने उसे उस विद्वान् की बात बताई।

बीरबल ने उसकी चुनौती स्वीकार कर ली।

विद्वान् ने कहा, “मैं आपसे सौ सरल प्रश्न पूछूं या एक कठिन प्रश्न?”

बीरबल ने उत्तर दिया, “कृपया आप एक कठिन प्रश्न पूछें।”

विद्वान् ने पूछा, “पहले मुर्गी आई या अंडा?"

बीरबल ने उत्तर दिया, “मुर्गी।”

आश्चर्यचकित विद्वान् ने पूछा, “ओह! पर आपको इसका पता कैसे चला?"

बीरबल ने कहा, “आपको एक

प्रश्न पूछना था, आप दूसरा प्रश्न क्यों पूछ रहे हैं?

" विद्वान् ने तुरंत समझ लिया कि बीरबल अत्यंत चतुर उसने अपनी हार स्वीकार कर ली।