शाही माली कालू ने शाही बगीचे में नाशपाती के पेड़ के नीचे अपना धन
छिपाया था पर एक दिन वह गायब हो गया।
बीरबल को इस बात का पता चला।
उस स्थान पर जाकर देखने पर उसे पता चला कि पेड़ की कुछ जड़ें कटी हुई थीं।
उसे पता था कि जड़ों में कुछ औषधीय गुण थे।
वह एक चिकित्सक से मिला, जिसने कहा, "मुझे एक रोगी के लिए कुछ जड़ी-बूटी चाहिए थी।
मैंने अपने सेवक को जड़ी-बूटी लाने भेजा था।”
सेवक ने कहा कि शाही बगीचे के नाशपाती के पेड़ की जड़ें उसने खोदी थीं।
बीरबल ने उससे पूछा, “तुम्हें क्या सिक्कों का थैला वहाँ मिला था?"
सेवक डर गया। उसने स्वीकार कर लिया कि सिक्कों का थैला उसने लिया था।
वह भागकर घर जाकर वह थैला ले आया।
बीरबल ने कहा, “तुम प्रतिज्ञा करो कि अब कभी चोरी नहीं करोगे।
चूँकि तुमने अपनी भूल स्वीकार कर ली है पाँच सिक्के तुम रख लो।"
बीरबल ने कालू को उसके सिक्कों की थैली लौटा दी।
उसने कहा, “तुम्हारी लापरवाही की सजा के रूप में मैंने पाँच सिक्के रख लिए हैं।"
कालू, बीरबल को धन्यवाद देकर चला गया।