बादशाह अकबर को दरबारियों से पहेलियाँ पूछना बहुत पसंद था।
वे विनोदपूर्ण उत्तर सुनकर बहुत प्रसन्न होते थे।
एक दिन की बात है, दरबार सजा हुआ था।
अकबर ने दरबारियों से एक प्रश्न पूछा, “सत्य और असत्य के बीच में क्या अंतर है?"
इसका उत्तर क्या होगा यही सोचते हुए सभी दरबारी अपना सिर खुजलाने लगे।
वे कोई उत्तर न दे सके। अंत में अकबर ने बीरबल से पूछा, “तुम क्यों चुप हो ?
क्या तुम्हें मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं पता है?"
बीरबल ने कहा, “महाराज! मैं दूसरों के उत्तर देने की प्रतीक्षा कर रहा था।
इसी बीच मैं उत्तर भी सोच रहा था।
सत्य और असत्य के बीच चार उंगलियों का अंतर है।”
“अपनी बात ठीक से समझाओ बीरबल।”
“सत्य और असत्य के बीच चार उँगलियों का अंतर है, जो आप देखते हैं वह सत्य है,
जो आप सुनते हैं वह झूठ भी हो सकता है।”
अकबर ने पूछा, “किन्तु ये चार उँगलियाँ क्या हैं ?” “महाराज! वह
आँख और कान के बीच की दूरी है।"
अकबर उत्तर पाकर प्रसन्न हो गया।