पैसा बना अचार

एक बार एक व्यक्ति ने यात्रा पर जाने का मन बनाया।

उसने अपने पैसों को मर्तबान में रखा और अपने पड़ोसी को सुरक्षित रखने के लिए दे दिया।

कुछ महीनों बाद लौटकर आने पर उसने

अपना मर्तबान पड़ोसी से वापस ले लिया।

घर आकर जब उसने उसे खोला, तो मर्तबान को अचार से भरा देखकर उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा।

उसमें उसका पैसा था ही नहीं।

पड़ोसी से पूछने पर उसने कहा, “कैसा पैसा?

मैंने तुम्हारा मर्तबान तो छुआ भी नहीं... तुमने जैसा दिया था वैसा ही लौटा दिया था।

" उस व्यक्ति ने सारी दास्तान बीरबल को बताई।

बीरबल ने पड़ोसी से बात की पर उसने कहा कि उसे पैसे के विषय में कुछ पता

ही नहीं।

तब बीरबल ने शाही रसोइए को बुलाकर कहा, “यह अचार कितना पुराना है?

" रसोइए ने अचार को सूंघा और चखा।

उसने कहा, “यह अचार पंद्रह दिनों से अधिक पुराना नहीं है।”

पड़ोसी कुछ बोल न सका।

उसने पैसे निकालकर मर्तबान में अचार भरना कबूल कर लिया।

चोरी के जुर्म में पड़ोसी को कैद में डलवाकर अकबर ने उस व्यक्ति के नुकसान की भरपाई की।