थोड़ी कम थोड़ी ज़्यादा

एक दिन बीरबल की पत्नी बाज़ार गई हुई थी, इसलिए उसकी दस वर्षीया पुत्री,

अपने पिता के साथ दरबार में आ गई।

बादशाह अकबर उसे देखकर अत्यंत प्रसन्न हुए।

प्यार से उन्होंने उसे अपने पास बुलाया और मिठाई तथा तोहफ़े दिए।

थोड़ी देर के बाद वह बादशाह के छोटे बेटे के साथ शाही उद्यान में खेलने लगी।

दोपहर का भोजन सभी एक साथ बैठकर कर रहे थे।

अकबर ने बीरबल की पुत्री से पूछा, “बेटी, क्या तुम्हें फ़ारसी आती है?"

उसने उत्तर दिया, "जी महाराज!

मुझे फ़ारसी बोलनी थोड़ी कम और थोड़ी ज़्यादा आती है।"

“क्या? इसका क्या मतलब है?"

अकबर अपनी जिज्ञासा न रोक सका, उसने बीरबल से पूछा कि वह क्या कहना चाहती है।

बीरबल ने कहा, ,"हुजूर, जो फ़ारसी बिल्कुल नहीं जानते हैं उनसे वह थोड़ा अधिक जानती है और जो अच्छी तरह फ़ारसी बोलते हैं

उनसे थोड़ा कम जानती है।"

अकबर उत्तर सुनकर प्रभावित हो गया।

वह समझ गया कि बीरबल की पुत्री बीरबल की ही भांति बुद्धिमान है।