दूसरा मेहमान कौन?

एक बार एक रईस ने बीरबल को दोपहर के भोजन पर बुलाया।

वहाँ पहुँचने पर बीरबल ने कई लोगों को देखा।

उसने सोचा, 'ओह! मुझे नहीं पता था कि इतने सारे लोग होंगे।

बीरबल चिढ़ गया, क्योंकि उसे अधिक लोग पसंद नहीं थे।

मेज़बान ने बीरबल से कहा, “ये सभी मेरे अतिथि नहीं हैं।

आपके अतिरिक्त बस एक और अतिथि है।

शेष सभी मेरे सेवक हैं।

क्या आप अतिथि को पहचान सकते हैं?”

बीरबल ने कहा, “मैं उन्हें पास से देखूँगा तब तक आप उन्हें चुटकुला सुनाइए ।"

वह रईस चुटकुला सुनाता रहा और बीरबल उनके चेहरे ध्यान से देखता रहा।

चुटकुला समाप्त होते ही सभी हँसे, किन्तु एक व्यक्ति नहीं हँसा।

बल्कि उसने एक जम्हाई ली।

“यही व्यक्ति आपका अतिथि है।"

बीरबल ने कहा।

मेज़बान ने पूछा, “ आपको कैसे पता चला?"

साधारण-सी बात है- कर्मचारी अपने मालिक के किसी भी चुटकुले पर हँसता है

पर यह व्यक्ति साफ़ तौर पर इच्छुक नहीं था और तुम्हारे चुटकुले से ऊब रहा था।

मैं तुरंत समझ गया कि यही दूसरा अतिथि है।”