फ़ारस में बीरबल

एक बार बीरबल फ़ारस के राजा से मिलने गया।

जिस दिन उसे वापस आगरा लौटना था उस दिन राजा ने उसे तथा अकबर के लिए ढेर सारे उपहार दिए।

फ़ारस के राजा के एक दरबारी ने पूछा, “बीरबल, तुम फ़ारस के राजा की तुलना बादशाह अकबर से किस तरह करोगे?”

बीरबल ने छूटते ही उत्तर दिया, “आपके राजा पूर्ण चंद्र हैं जबकि मेरे चौथाई चाँद हैं।"

फ़ारस के लोग अत्यंत प्रसन्न हुए

और उन्होंने प्रेमपूर्वक बीरबल को विदा किया।

आगरा पहुँचकर बीरबल जब अकबर से मिला तब अकबर बहुत नाराज़ थे।

कहा,

दूतों ने पहले ही अकबर को सूचित कर दिया था कि उनकी तुलना चौथाई चाँद से की गई थी।

बीरबल ने “महाराज! पूर्ण चंद्र की वृद्धि नहीं होती है।

वह घटता है और लुप्त हो जाता है जबकि चौथाई चंद्र बढ़ता रहता है।

चौथाई चंद्र से आपकी तुलना करके मैंने विश्व में घोषणा की कि हर दिन आपकी शक्ति में वृद्धि हो रही है

जबकि फ़ारस के राजा की शक्ति क्षीण हो रही थी।

बीरबल की बात सुनकर अकबर गर्व से भर उठा और बीरबल को पुरस्कृत किया।