बैल के लिए संगीत

एक बार अकबर ने संगीत प्रतियोगिता करवाने का निश्चय किया।

प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए विश्व के ढेरों संगीतकार अकबर के दरबार में आए।

अंत में जब पुरस्कार की घोषणा का समय आया तब अकबर दुविधा में पड़ गए।

सभी कलाकार इतने अच्छे थे कि किसे पुरस्कृत किया जाए यह समझ ही नहीं आ रहा था।

उन्होंने विजेता के चयन के लिए बीरबल से सहायता माँगी।

सभी दरबारी हँसने लगे।

उन्हें पता था कि बीरबल संगीत से पूरी तरह अनजान था।

तभी बीरबल ने सुझाया, “प्रतियोगिता का एक और दौर होना चाहिए।

इस बार प्रतियोगिता में प्रतियोगियों को एक बैल को प्रभावित करना होगा।"

संगीतकार किस प्रकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे यह देखने के लिए अकबर जिज्ञासु हो उठा।

एक बैल को दरबार में लाया गया। संगीतकला का प्रदर्शन

प्रारम्भ हुआ। कई संगीतज्ञों ने प्रयत्न किया पर बैल प्रभावित नहीं हुआ।

अंत में एक संगीतज्ञ ने मच्छरों की आवाज़ तथा गाय के रंभाने की आवाज़ निकाली।

अचानक बैल सचेत होकर रंभाने लगा।

दर्शक और अकबर प्रभावित हो उठे।

उसी संगीतज्ञ को उत्तीर्ण घोषित किया गया और पुरस्कृत भी किया गया।