सर्दियों के दिन थे।
अकबर ने अपने दरबारियों से पूछा, “बेहतरीन मौसम कब होता है?"
अकबर को प्रभावित करने के लिए दरबारियों ने तरह-तरह के उत्तर दिए ।
“बसंत ऋतु में मौसम बेहतरीन होता है।
मंद-मंद हवा, रंग-बिरंगे फूल, ठंडा मौसम सभी को प्रसन्न कर देता है," एक दरबारी ने कहा।
दूसरा बोला, “नहीं महाराज.., सर्दी का मौसम बेहतरीन होता है।
क्योंकि हम लोग तरह-तरह के गर्म पेय का मज़ा उठा सकते हैं।
कम्बल हमें गर्मी देता है।" अन्य दरबारी ने कहा,
'ना-ना, मेरी समझ में गर्मी सबसे अच्छा मौसम है।
इस समय नदी के किनारे टहलने का आनंद ही कुछ और है।”
जब बीरबल की बारी आई तो उसने कहा, “महाराज! मौसम बेहतरीन तब लगता है जब मनुष्य का पेट भरा हो।
एक भूखा व्यक्ति बसंत
की ठंडी हवा का लुत्फ नहीं उठा सकता।
सर्दी और गर्मी तो उसे दुःखी ही बना देंगे।
वह केवल भोजन के विषय में ही सोचेगा।
किन्तु यदि किसी व्यक्ति का पेट भरा होगा तो वह वर्षा के मज़े ले सकता है,
गर्मी में हवा और सर्दी में आग के भी मज़े लेगा ।
" बीरबल के विचार से अकबर प्रभावित हो गए।
पहली बार सारे दरबारियों ने बीरबल के चतुरतापूर्ण उत्तर का लोहा माना।