एक प्रातः बीरबल से अकबर ने पूछा कि पिछली रात उसने क्या-क्या खाया था।
बीरबल ने कहा, “मैंने चपाती, चावल, भाजी, दही..." सूची पूरी होने से पहले ही अकबर ने बात बदल दी।
अगली सुबह फिर अकबर ने पूछा, “और क्या-क्या खाया ?”
बीरबल ने कहा, 'महाराज ! और रसेदार सब्ज़ी ।
" अकबर को याद था कि बीरबल ने व्यंजनों की सूची पूरी नहीं की थी।
वह बीरबल की स्मृति से प्रभावित हो गया और मोती की माला उसे उपहार में दी।
यह सब देखकर दरबारियों ने सोचा कि रसेदार सब्ज़ी अकबर को बहुत पसंद होगी।
इसलिए अकबर को प्रभावित करने के लिए उन्होंने अपनी पत्नियों से रसे
दार सब्ज़ी बनाने को कहा।
अगले दिन सभी दरबारी अपने हाथों
में एक-एक बर्तन लिए हुए पधारे। अकबर ने पूछा, “इन बर्तनों में क्या है?"
एक दरबारी ने कहा, “महाराज, यह रसेदार सब्ज़ी है... आपकी पसंदीदा सब्ज़ी।"
पिछले दिन बीरबल के साथ रसेदार सब्ज़ी पर हुई बातचीत अकबर को याद थी।
उसने कहा, “आप लोगों को पता नहीं कि हमलोग किस विषय पर बात कर रहे थे और आप लोगों ने अनुमान लगा लिया।
आप सभी को सज़ा मिलनी चाहिए।
” दरबारियों ने अपने व्यवहार के लिए क्षमा माँगी और अकबर ने उन्हें क्षमा कर दिया।